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विधानसभा का नाम मनेंद्रगढ़ चिरमिरी करने की उठी मांग,पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्रीकांत शुक्ल ने एमसीबी कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन

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चिरमिरी । 90 विधानसभा सीटों वाले छत्तीसगढ़ विधानसभा में सीट क्रमांक 2 मनेंद्रगढ़ विधानसभा का नाम आने वाले विधानसभा चुनाव में मनेंद्रगढ़ चिरमिरी रखने की मांग को लेकर चिरमिरी में सरगर्मियां बढ़ गई हैं इस विषय पर स्थानीय जनों का अब स्पष्ट कहना है कि ऐतिहासिक कोयला नगरी चिरमिरी के साथ राजनैतिक आकाओं ने हमेशा से उपेक्षा का रवैया रखा तो वहीं शासन- प्रशासन भी चिरमिरी के साथ सुविधाओं व मान सम्मान को लेकर भेदभाव व स्वार्थ पूर्ण रवैया रखा जिसके चलते चिरमिरी को  वह शासकीय दर्जा तथा सुविधाएं आज तक नहीं मिल पाए जो कि एक बड़े आबादी तथा जिले में सबसे ज्यादा मतदाता वाले शहर को मिलनी चाहिए थी ।

     पता हो कि चिरमिरी में नवीन जिले का जिला मुख्यालय व शासकीय कार्यालयों की मांग को लेकर चिरमिरी जिला मुख्यालय बनाओ संघर्ष समिति द्वारा 182 दिनों तक क्रमिक भूख हड़ताल व अंत में आमरण अनशन का आंदोलन छेड़ने के बाद अंत में शासकीय दवाब व राजनीतिक छल बल के चलते चिरमिरी हितों को लेकर पहली बार चलाया आंदोलन षड्यंत्र का शिकार हो गया । लेकिन बताया जाता है कि भले ही यह आंदोलन चिरमिरी के साथ-साथ ऊपरी तौर पर शांत या समाप्त दिखाई दे रहा है लेकिन जानकारों का कहना है कि आंदोलन के मांग व विषय पर ऊपरी सतह पर भले ही राख जम गई हो लेकिन अंदर अंदर बदले की आग धधक रही है । 

    इसी क्रम में ठीक विधानसभा चुनाव के पहले पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता श्रीकांत शुक्ल ने चिरमिरी का नाम विधानसभा सीट में जोड़ने की मांग उठाकर शासन प्रशासन के साथ-साथ राजनीतिक दलों के लिए एक बड़ी परेशानी खड़ा कर दी है । चिरमिरी प्रवास पर आए एमसी बी के कलेक्टर नरेंद्र दुग्गा के मार्फत मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन को प्रेषित पत्र में पत्रकार श्रीकांत शुक्ल ने एम सी बी जिला के अंतर्गत आने वाले विधानसभा मनेंद्रगढ़ का नाम मनेंद्रगढ़ चिरमिरी की मांग उठाते हुए अनुरोध पत्र सौंपा है ।

      पत्र में उन्होंने आरोप लगाया है कि  ऐतिहासिक कोयला नगरी चिरमिरी पूर्व से ही सबसे ज्यादा आबादी व मतदाता संख्या रखने के बाद भी राजनीतिक उपेक्षा का शिकार होता रहा है । वर्तमान में भी जिला एमसीबी के मनेंद्रगढ़ विधानसभा में नगर पालिक निगम चिरमिरी सबसे ज्यादा मतदाता वाला शहर के रूप में मौजूद है लेकिन उसे राजनैतिक व शासकीय रूप से वह महत्व नहीं दिया जा रहा है जो कि चिरमिरी को मिलना चाहिए था । अपने पत्र में श्रीकांत शुक्ल ने उल्लेख किया है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पूर्व में जिस प्रकार विधानसभा क्षेत्रों के नाम महत्वपूर्ण शहर मतदाता या आबादी के नाम पर रखे गए हैं जैसे कि भरतपुर सोनहत , चांपा जांजगीर , मानपुर मोहला आदि पूर्व से विधानसभा के रूप में नामांकित वा उल्लेखित हैं, उसी प्रकार आने वाले विधानसभा चुनाव में जिला एमसीबी के मनेंद्रगढ़ विधानसभा का नाम मनेंद्रगढ़ चिरमिरी विधानसभा के रूप में स्थापित किया जाए जिससे कि भारत के उल्लेखनीय व ऐतिहासिक कोयला नगरी के रूप में जाने जाने वाले चिरमिरी को राजनीतिक रुप से भी विशिष्ट पहचान मिल सके । इसके साथ ही बताया जाता है कि चिरमिरी संघर्ष समिति व व्यापार संघ तथा अन्य संगठनों द्वारा आने वाले समय पर मनेंद्रगढ़ विधानसभा का नाम मनेंद्रगढ़ चिरमिरी किए जाने की मांग को लेकर शासन के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपा जाएगा । वही जन प्रतिनिधियों के साथ-साथ राजनीतिक दलों से इस विषय में उनकी स्पष्ट मंशा बताए जाने को लेकर भी  मांग सामने आ सकती है

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