नितिन राजीव सिन्हा
कांग्रेस महाधिवेशन के समापन के दौरान २६ फ़रवरी को मंच पर अद्भुत नजारा उत्पन्न हुआ जबकि प्रतीक चिन्ह देने का अवसर आया तो छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वयं दौड़ते हुये उस स्थान पर आये और कहा कि माननीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे जी को मैं स्वयं प्रतीक चिन्ह की ट्राली धकेल कर देने के लिए जाऊँगा ऐसा होते हुये हम सबने देखा भी कि,भूपेश बघेल ट्राली धकेलते हुए गये दूसरा नंबर सोनिया जी का था फिर राहुल जी और प्रियंका जी को प्रतीक चिन्ह भेंट किया गया..,
पीएम मोदी ने बेलगावी कर्नाटक में कहा है कि मैं देखकर दुखी हूँ कि मल्लिकार्जुन का अपमान हुआ यद्यपि सच्चाई इसमें तनिक भी नहीं है मोदी की राजनीति का आधार भ्रम का केंद्र बन चुका है कोई ऐसा प्रधानमंत्री पहले नहीं आया जिसने महज़ अफ़वाहों को हवा देकर राजनीति की हो मोदी की अदा निराली है वो नेता कम मदारी ज़्यादा लगते हैं..,
पीएम मोदी ने बेलगावी में कहा कि कांग्रेस अधिवेशन के दौरान सोनिया गांधी जी को छाता मिलने और मल्लिकार्जुन खडगे जी के धूप में खड़े रहने पर सवाल उठाया है पीएम मोदी ने कहा है कि कांग्रेस के विशेष परिवार के आगे कर्नाटक के एक नेता का अपमान किया गया है वे कहते हैं मैं यह देखकर दुख से भर गया कि अध्यक्ष रहते हुये मल्लिकार्जुन को छतरी नहीं मिली बग़ल में किसी और के लिये छतरी लगाया गया..,
पीएम मोदी की यह स्तरहीन टिप्पणी है जिसका जवाब दिया जाना उचित नहीं है पर,पीएम मोदी यह सब करके राहुल गांधी के द्वारा महा अधिवेशन में उठाये गये सवालों के जवाब देने से बचने का रास्ता ज़रूर ढूँढ लिया जिसमें उन्होंने अदानी के रास्ते कंपनी राज के वापसी के मुद्दे उठाये थे मसलन ईस्ट इंडिया कंपनी ने यही किया था व्यापार के रास्ते देश को ग़ुलाम बना दिया था वही इतिहास अब मोदी की सरकार में दोहराया जा रहा है जिस पर सवाल दर सवाल पूछे जा रहे हैं पर,मोदी छातों पर बात कर रहे हैं लोगों के दिल बहला रहे हैं..,
माननीय कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे जी ने जवाब में कह दिया है कि किसकी छतरी की छाया के नीचे आपके परम मित्र ने देश को आकाश से लेकर पाताल तक सब लूट लिया ? हम तो तिरंगे के छाँव में खड़े कांग्रेसी हैं जिसने कंपनीराज को हराकर देश को स्वतंत्र बनाया वे पूछते हैं कि ये बताईये,अडानी मामले में जेपीसी का गठन कब होगा..?
पीएम मोदी छतरी को लेकर दुखी हैं लेकिन देश की जनता के दुख अंतहीन हैं के,वह अमृत काल में महंगाई,बेरोज़गारी से दो चार हो रही है पर,संभव है किसी दिन पीएम मोदी उन्हे बेरोज़गारवीर कह कर बेरोज़गारी को वीरता का सूचक बताकर लोगों के ज़ख़्मों मरहम लगा दें हो सकता है कि महंगाई की वीरता पर भी क़सीदे पढ़ दें..,
पीएम मोदी की अदावत पर लिखना होगा कि,-
झूठ भी सच
की तरह बोलना
आता है उसे
कोई शिकन भी
चेहरे पर आने नहीं
देता ..,
जिस पर परवीन
ज़ाकिर के शेर हैं
कि “ मैं सच कहूंगी
फिर भी हार जाऊँगी
वो,झूठ बोलेगा और
लाजवाब कर देगा..,