पुलवामा अटैक का कारण हमारे देश के सिस्टम की कमजोरी है। सभी जवान छुट्टियां काट कर वापस अपने डयूटी जा रहे थे। सुबह 04 बजे जम्मू से कॉन्वॉय खुलती है, जरा आप सोचिए, जब दिल्ली से श्रीनगर तक जवानो के लिए Air courier service का व्यवस्था किया गया है तो फिर जवान इतनी बड़ी संख्या में कॉन्वॉय में आने को क्यों मजबूर हैं। छुट्टी से वापस हो रहे जवानों के पास हथियार नहीं होती है, प्रत्येक गाड़ी में 02 जवान ही हथियार बन्द होते हैं। भारतीय फौज की बस ऐसी होती है जिसमें आम आदमी 01 या 02 घण्टा से ज्यादा देर बैठकर सफर नहीं कर पायेगा। लेकिन हमारे जवान 12 से 15 घंटे और कभी कभी तो 24 घण्टे तक लगातार इस बस में सफर करते हैं, किसी नेता को अंदाजा है कि उनकी हालत क्या होती होगी। और ऐसे में आतंकवादी संगठन जवानो के हरासमेंट का फायदा उठाकर हमला करते हैं। लेकिन आज हमारे जवानों के हरासमेंट का फायदा नहीं उठाया गया है। आज हमारे देश के कमजोर सिस्टम का फायदा उठाया गया है।। कैसे :-
जब सुरक्षा बलों का कॉन्वॉय चलती है तो हमारे standing order procuder के अनुसार कोई भी सिविलियन गाड़ी सुरक्षा बलों के गाड़ी के बीच मे नहीं आनी चाहिए। लेकिन ऐसा करने पर पढ़े लिखे सिविलियन सुरक्षा बलों के ऊपर उँगली उठाने लगते हैं और हमारे देश के नेता उनके पक्ष में आगे आ जाते हैं।, 15 घण्टे की लंबी सफर से आ रहे जवानो के बारे में कोई नहीं सोचता है, बल्कि सबको जवानों के कॉन्वॉय से साइड चाहिए। और यही कारण है कि आज बारूद से भरी कार सुरक्षा बलों के कॉन्वॉय के बीच मे आ गयी जैसे रोज आम गाड़िया आया करती है, और हमारे देश के लाल के गाड़िया को परखच्चे उड़ा दी। इस हादसे के गुनेहगार पाकिस्तान के अलावा वे देशवासी भी हैं जो जवानों के कॉन्वॉय से अपने गाड़िया को साइड लेते हैं और जो नेता उनके पक्ष में सुरक्षा बलों के Standing order procudere को ऐसी तैसी करते हैं। आपलोग सुनते होंगे न्यूज़ चैनल की बाते किसी हादसे के बाद,, कभी किसी जवान के दिल की बात भी सुन लीजिए। क्योंकि जवानों के दिल की बात न्यूज चैनल नहीं बताएगी।