नितिन राजीव सिन्हा//
२० एप्रिल २०१९ की शाम देश के प्रतिरोध की आवाज़ पुण्य प्रसून बाजपेई रायपुर में बोल रहे थे उन्होंने कहा कि दिल्ली के लाल क़िले में कवि सम्मेलन से मंच से उतरते हुए नेहरु के पाँव लड़खड़ाये थे,तब दिनकर जी ने आगे बढ़कर उन्हें सम्हाल लिया था..,
“नेहरु ने उन्हें धन्यवाद किया तो दिनकर ने कहा था कि सत्ता जब जब लड़ खड़ाएगी साहित्यकार ही उसे सम्हालेगा..,”
कविता के माध्यम से कह गये कि
लिखना बंद हो
गया है
पत्रकारों की
स्याही बाधित
हुई है
हम जीत
नहीं पायेंगे
हमारी हार
तय है युवा
सपने हैं
पर,बूढ़ा
हुआ मन
है..,
उन्होंने जियो प्रेम अंबानी और अदानी के अटूट बंधन के संग खड़े हुए देश के प्रधान मंत्री के सपनों को कटघरे में खड़ा किया सवाल कई किए पर,जवाब सिर्फ़ एक था कि बीएसएनएल के १७६००० कर्मचारियों की तनख़्वाह देने के लाले पड़ रहे हैं जबकि २०१४ तक देश की नौ रत्न कम्पनियों में शुमार रही यह सरकारी कंपनी तालाबंदी की कगार पर है..,
प्रधान मंत्री जियो कम्पनी के विज्ञापन का हिस्सा भी रहे हैं और देश के राष्ट्र वाद का क़िस्सा भी वही हैं फिर भी क़लम के सिपाही
ने कह दिया है कि देश में पारदर्शी अब कुछ भी नहीं है देश के खनिज,हवाई अड्डे,बंदरगाह अदानी के हुए हैं और बाक़ी जो बचा था सारे अंबानी ले गये हैं..,जारी)