वरिष्ठ चिकित्सक ईएनटी विशेषज्ञ डॉ.राकेश गुप्ता का मानना है कि सिगरेट गुटका और पान की बिक्री पर लगी हुई रोक ने कोरोना के संक्रमण को नियंत्रित किया है उनका कहना है कि सिगरेट बीड़ी पीने वालों के फेफड़े से धुएँ के माध्यम से संक्रमण के कीटाणुओं के बाहर आने और वातावरण में फैल जानें की पूरी संभावना है इसके वैज्ञानिक तथ्य हैं अत:२अक्टूबर २००८ से सार्वजनिक स्थल पर धूम्रपान प्रतिबंधित किया गया है यदि कोरोना की महामारी के इस भयावह दौर में इन्हें नियंत्रित नहीं किया गया तो इसके प्रभाव और परिणाम अकल्पनीय हो सकते हैं..,
वहीं चिकित्सकों के बीच हो रहे मंथन और चिंतन पर जो तथ्य उजागर हो रहे हैं और वह आज का दिन को प्राप्त हुये हैं उसका प्राथमिक अवलोकन यह है कि यूएसए में इस पर डायग्नोसिस इंवेस्टीगेशन होना अभी बाक़ी है इटली में हुये पीएम में ख़ुलासा हुआ है कि मौतें निमोनिया से नहीं बल्कि ख़ून का थक्का फेफड़े में जम जाने के कारण हुई हैं यही वजह है कि वेंटिलेटर लगानें के बाद भी लोगों की जानें बचाई नहीं जा सकीं कई देशों में डिस्पिरिन के टेबलेट देकर भी उत्साह जनक परिणाम हासिल किये गये हैं..,
भारत में संक्रमण दर बहुत कम है जबकि अब रोज़ तक़रीबन एक लाख लोगों की कोरोना टेस्टिंग हो रही है वहीं मुंबई की धारावी जैसी दुनिया की सबसे सघन आबादी वाले स्लम एरिया में भी संक्रमण की वैसी व्यापकता अब तक नहीं देखी गई है जो अपेक्षित हो सकती थी..,