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कलेक्टर डॉ.रवि मित्तल के मार्गदर्शन में गठित टास्क फोर्स की संयुक्त टीम ने रोकी बाल विवाह : 13 वर्ष 06 माह के बालिका का हुआ था विवाह तय, परीजनों ने कहा कानूनी अज्ञानता के कारण हो रही थी ऐसी चूक

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जशपुर : कलेक्टर डॉ.रवि मित्तल के मार्गदर्शन में जिले में बाल विवाह की पूर्णतः रोकथाम हेतु टास्क फोर्स का गठन किया गया है। महिला एवं बाल विकास विभाग जिला कार्यक्रम अधिकारी बी. डी. पटेल के पहल से विगत दिवस 25 अप्रैल 2024 को महिला एवं बाल विकास विभाग, चाइल्ड हेल्प लाईन एवं पुलिस विभाग द्वारा संयुक्त टास्क फोर्स को बाल विवाह होने की सूचना मिलने पर जशपुर के ग्राम-बड़ाबनई में एक बालिका का बाल विवाह रोका गया ।

ग्राम-बड़ाबनई में एक बालिका  01 मई 2024 को विवाह तय किया गया था। किन्तु बालिका के 05 वीं का अंकसूची अनुसार जन्म तिथि 10 अक्टूबर 2010 है। जिसके आधार पर बालिका  का उम्र-13 वर्ष 06 माह 15 दिन होना पाया गया। बालिका के माता पिता की सहमति से विवाह स्थगित किया गया। बालिका के माता पिता द्वारा बताया गया कि कानूनी अज्ञानता के कारण शादी करने की बात कही गयी। बाल विवाह रोकने के दौरान संयुक्त टॉक्स फोर्स श्रीमती रूपमती बड़ाईक व श्रीमती रश्मि चौहान पर्यवेक्षक, सुश्री कंचन प्रजापति, आउटरीच वर्कर, नेम्हास एक्का टीम मेम्बर, धनसाय राम आरक्षक द्वारा कार्यवाही की गयी।

जिला बाल संरक्षण अधिकारी चन्द्रषेखर यादव द्वारा बताया गया कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई ही नहीं अपितु कानूनन अपराध है। बाल विवाह से बच्चों के सर्वागीण विकास प्रभावित होता है। बाल विवाह रोक-थाम हेतु बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 लागू किया गया है। जिसमें लड़के की आयु 21 वर्ष एवं लड़की की आयु 18 वर्ष निर्धारित की गयी है। अधिनियम के तहत् बाल विवाह करने वाले वर एवं वधु के माता पिता, सगे संबंधी, बाराती यहॉ तक कि विवाह कराने वाले पुरोहित पर भी कानूनी कार्यवाही किया जाना प्रावधानित है। अधिनियम के तहत् 2 वर्ष के कठोर सश्रम कारावास तथा 1 लाख का जुर्माना अथवा दोनो से दण्डित किये जाने का प्रावधान है।

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