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रतलाम- शिवगढ़ मार्ग स्थित शासकीय भूमि का वाद निरस्त,शासकीय कर्मचारी ने शासन के विरुद्ध दी थी गवाही

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भरत शर्मा की रिपोर्ट

आज का दिन न्यूज रतलाम 31 मार्च। सार्वजनिक रतलाम शिवगढ़ मार्ग स्थित शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 960 के आधिपत्य को लेकर तीन महिलाओं ने मध्य प्रदेश शासन के विरुद्ध न्यायालय सैलाना में दावा प्रस्तुत किया था। इसे न्यायालय ने चातुर्यपूर्ण प्रारूपण का वाद मानते हुए निरस्त कर दिया। उक्त मामले में शासकीय कर्मचारी ने भी शासन के विरुद्ध न्यायालय में गवाही दी थी।

अपर शासकीय अभिभाषक सतीश त्रिपाठी ने बताया कि 20 सितंबर 2018 को शिवगढ़ निवासी मधुकांता पति बाबूलाल भाटी, मंजूबाला पति मनोहरलाल भाटी तथा सुमित्रा उर्फ कुंती पति सत्यनारायण भाटी ने मध्य प्रदेश शासन कलेक्टर रतलाम के विरुद्ध घोषणात्मक अनुतोष एवं स्थाई निषेधाज्ञा की सहायता हेतु सैलाना न्यायालय प्रथम व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खंड के अतिरिक्त न्यायाधीश अभिषेक सोनी के समक्ष दावा प्रस्तुत किया था ।जिसमें यह बताया था कि कृषि भूमि सर्वे नंबर 961 व रतलाम शिवगढ़ रोड की भूमि सर्वे नंबर 960 के मध्य अन्य कोई भूमि नहीं रही है। राजस्व नशे में त्रुटिपूर्ण अंकन के आधार पर तीनों वादीगण की भूमि  को शासकीय भूमि बताकर पटटे का आवंटन शासन द्वारा किया जा रहा है । 

शासन की ओर से जवाब प्रस्तुत कर बताया गया कि बंदोबस्त के दौरान रतलाम - शिवगढ़ मार्ग सर्वे क्रमांक 477 था। जिसे नया नंबर 960 अंकित किया है। वादीगण की भूमि में हस्तक्षेप नहीं किया गया है। यदि वह इससे असंतुष्ट थे तो उन्हें बंदोबस्त अधिकारी के समक्ष कार्यवाही करनी चाहिए थी। शासकीय भूमि पर पीडब्ल्यूडी के क्वार्टर बने होकर आंगनबाड़ी संचालित हो रही है। उक्त तथ्य के आधार पर न्यायालय ने दावा निरस्त कर दिया।

शासकीय कर्मचारी ने दी थी शासन के विरुद्ध गवाही

प्रकरण में तीनों महिला वादीगण की ओर से उनके मुख्तियारआम अनिल भाटी ने न्यायालय में गवाही दी थी। तीनों महिलाओं ने स्वास्थ्य के आधार पर गवाही नहीं दी थी। उनके समर्थन हेतु शासकीय कर्मचारी (शिक्षक) शांतिलाल पाठक द्वारा मध्य प्रदेश शासन के विरुद्ध गवाही देते हुए न्यायालय में यह कथन दिया था कि तीनों वादीगण की भूमि पर शासन द्वारा अवैध कब्जा किया जाकर निर्माण किया जा रहा है। न्यायालय ने इस गवाही  को असत्य माना। शासन की ओर से शिवगढ़ के नायब तहसीलदार रामकलेश साकेत ने गवाही दी थी। शासन की ओर से पैरवी अपर शासकीय अभिभाषक सतीश त्रिपाठी द्वारा की गई।

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