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-कवर्धा मंडी ज़मीन घोटाला- रमन सिंह परिवार ने दबाया है हज़ारों स्क्वेरयर फ़ीट शासकीय भूमि,बनाया है अपना आशियाना,सरकार बनने से पहले भूपेश बघेल ने प्रेस कॉन्फ़्रेन्स कर किया था ख़ुलासा..,

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नितिन राजीव सिन्हा

आज से एक वर्ष पूर्व ५ नवंबर २०१८ को मुख्य मंत्री भूपेश बघेल  ने पीसी कर मतदाताओं से वादा किया था कि सरकार बनते ही रमन सिंह परिवार के घोटालों की जाँच होगी और उन्हें जेल भेजेंगे भूपेश सरकार अपने वादे पर खरा उतर रही है एक वर्ष पूर्व जारी हुए प्रेस नोट हम हुबहू छाप रहे हैं और उन मुद्दों की परख कर रहे हैं जो तब जनता के मुद्दे थे अब सरकार के लिये कार्यवाही के मुद्दे हैं..,

इस पीसी में भूपेश के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय और कांग्रेस प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल शामिल हुए थे इसमें मुख्य रूप से कवर्धा मंडी ज़मीन घोटाला,प्रियदर्शिनी बैंक,पनामा पेपर,शैलेट कंपनी,ऑगस्टा चोपर डील,सोलर सलूशन जैसे कई बड़े घोटालों पर तत्कालीन मुख्य मंत्री रमन सिंह को घेरा गया था..,

 

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी

 

प्रेस विज्ञप्ति

 

 

प्रदेश कांग्रेस भूपेश बघेल, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाज, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल की पत्रकारवार्ता के प्रमुख बिंदु

 घोटालों पर घोटाला, जेल जाने से कैसे बचेंगे रमन सिंह और अभिषेक सिंह?

 छत्तीसगढ़ के नवाज़ शरीफ़ का पता चल गया है, वो अभिषेक सिंह हैं

 अभिषेक सिंह ने कंपनी बनाई जिसमें विदेश से ख़ूब पैसे आए

 प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले में करोड़ों लिए, नान घाटाले में ‘सीएम मैडम’

 कवर्धा में मंडी की ज़मीन पर अवैध कब्जा किया मुख्यमंत्री के परिवार ने

 

 छत्तीसगढ़ के नवाज़ शरीफ़

 पनामा पेपर्स से पता चला कि मुख्यमंत्री रमन सिंह के कवर्धा वाले घर के पते पर विदेश में खाता खोलकर कालाधन जमा किया गया है।

 कालाधन अभिषाक सिंह के नाम से कंपनी बनाकर जमा किया गया।

 पहले तो बाप बेटे कहते रहे कि उन्हें पता नहीं कि अभिषाक सिंह कौन है. फिर जब हम शैलेट कंपनी के कागज़ात ले आए और फ़ेसबुक के विवरण निकाल लिए तो मान लिया कि अभिषेक सिंह ही अभिषाक सिंह हैं।

 यानी मान लिया कि रमन सिंह के पते पर विदेश में जमा किया गया कालाधन सांसद अभिषेक सिंह का ही है।

 अब तो साफ़ है कि छत्तीसगढ़ के नवाज़ शरीफ़ अभिषेक सिंह हैं।

 अगुस्टा हेलिकॉप्टर ख़रीदी घोटाले का पैसा कमीशन के रूप में विदेश में जमा हुआ।

 कांग्रेस की सरकार बनते ही हम इस घोटाले की जांच करवाएंगे।

 अब कौन बचाएगा, बाप बेटे को जेल जाने से???

 रेल लाइन घोटाला

 शैलेट एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में अभिषाक सिंह और उनकी पत्नी ऐश्वर्या हांडा डायरेक्टर थे।

 फिर उन्होंने इससे इस्तीफ़ा दे दिया और रमन सिंह के रिश्तेदार डायरेक्टर बन गए।

 इस कंपनी ने घोटिया में जहां ज़मीन ख़रीदी वहां तक रेल लाइन को मोड़ दिया गया।

 यह भ्रम फैलाया गया कि उसलापुर - मुंगेली, बिलासपुर पंडरिया कवर्धा खैरागढ़ डोंगरगढ़ परियोजना और कटघोरा मुंगेली कवर्धा डोंगरगढ़ परियोजना में कोई मूल अंतर है।

 दरअसल परिवार की ज़मीनों के लिए और कोयला कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए रेल लाइन मोड़ी गई।

 इससे कवर्धा, पंडरिया और लोरमी के आठ लाख लोगों को रेल की सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है।

 हमारी जानकारी है कि घोटिया और रेल लाइन के आसपास रमन सिंह के परिवार की ढेरों बेनामी संपत्ति है।

 कांग्रेस की सरकार बनते ही हम इस घोटाले की जांच करवाएंगे।

 इस घोटाले के बाद बाप बेटे कैसे बचेंगे जेल जाने से.

 अभिषेक की कंपनी को विदेश से मिले करोड़ों

 

अभिषेक सिंह ने न केवल विदेश में खाता खोला बल्कि विदेशी कंपनियों से करोड़ों पैसे भी कमाए।

 6 जुलाई, 2010 में इंटिग्रेटेड सोलर सॉल्युशन्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से बनाई गई कंपनी।

 कंपनी ओमेगा कैंपस, रायसेन रोड, आनंद नगर, भोपाल के पते पर स्थापित की गई।

 6 जुलाई, 2010 को ही अभिषाक सिंह े/व रमन सिंह को इस कंपनी का डायरेक्टर बनाया गया. वे 01/11/2013 तक इस कंपनी के डायरेक्टर रहे. फिर अचानक इस्तीफ़ा दे दिया।

 अभिषेक सिंह यह शैलेट कंपनी का घोटाला उजागर होने के बाद यह मान लिया था कि वही अभिषाक सिंह हैं।

 वित्तीय वर्ष 2013-14 तक अभिषाक सिंह ही कंपनी के सर्वेसर्वा थे क्योंकि कंपनी डायरेक्टर के रूप में 50 प्रतिशत वोटिंग अधिकार उन्हीं के पास थे.

 क्या करती थी कंपनी और कितने पैसे आए

 

 इंटिग्रेटेड सोलर सॉल्युशन्स प्राइवेट लिमिटेड (जिसका नाम बाद में टेक इन्फ़्रा बिज़नेस सॉल्युशन्स प्राइवेट लिमिटेड कर दिया गया) ने कंसल्टेंसी के नाम पर विदेशी कंपनियों से भारी भरकम पैसे कमाएं

 वर्ष 2010-11 से लेकर 2013-14 तक इस कंपनी में 3.59 करोड़ रुपयों से अधिक पैसे आए.

 

 

वित्तीय वर्ष

राशि

2010-11

170.00 लाख

2011-12

  84.40 लाख

2012-13

  52.33 लाख

2013-14

  53.22 लाख

कुल योग

359.95 लाख

 

कंपनी के दस्तावेज़ बताते हैं कि अभिषाक सिंह उर्फ़ अभिषेक सिंह बोर्ड की हर बैठक में मौजूद रहे और उन्होंने कंपनी की हर रिपोर्ट पर दस्तख़त किए।

 वित्तीय दस्तावेज़ बताते हैं कि कंसल्टेंसी के नाम पर जो भी पैसे आए उससे कंपनी में मध्यप्रदेश के सिहोर और सगोनीकला में अचल संपत्तियां ख़रीदीं।

कंसल्टेंसी के नाम पर जो पैसे आए उससे ज़ाहिर है कि कंपनी को भारी भरकम पैसे विदेशी कंपनियों से मिलते रहे लेकिन कामकाज पर नहीं के बराबर राशि खर्च हुई. आय का एक प्रतिशत मात्र।

पहली नवंबर, 2013 को अभिषेक सिंह ने कंपनी से इस्तीफ़ा दे दिया और अपने शेयर श्रीमती मनीषा प्रकाश और हरि प्रकाश को ट्रांसफ़र कर दिए।

आश्चर्यजनक रूप से इस कंसल्टेंसी फ़र्म को अभिषेक सिंह के हटने के बाद विदेशों से मिलने वाली राशि बंद हो गई।

 यह मामला आईटी, ईडी और फेरा सभी का है।

 कैसे बचेंगे बाप बेटे जांच के बाद जेल जाने से?

 

 कवर्धा में मंडी की ज़मीन दबा ली है रमन सिंह के परिवार ने

 कवर्धा में मुख्यमंत्री रमन सिंह जी का पैतृक निवास है.

 दस्तावेजों के अनुसार उनके पिता स्वर्गीय विघ्नहरण सिंह के पास 3152 वर्ग फुट जगह थी.

 रमन सिंह केविधायक रहते भाई आनंद सिंह ने नजूल का पट्टा लिया. यह 258.24 वर्ग फुट है.

 आनंद सिंह जी की इसी पट्टे वाली ज़मीन पर मेडिकल स्टोर खुला है.

 लेकिन कवर्धा में रमन सिंह का घर का निर्माण दस्तावेजों की ज़मीन से बहुत अधिक पर हुआ है.

 हम चुनौती देते हैं कि रमन सिंह इसकी जांच के आदेश दे दें.

दूसरा घोटाला रमन मेडिकल स्टोर का भी है. सरकार ने हाल ही में आदेश पारित किया है कि नजूल के पट्टे पर व्यावसायिक उपयोग किया जा सकता है, तो फिर इस पट्टे की जमीन पर मेडिकल स्टोर किस आधार पर चल रहा था?

 हमने कोशिश की कि पट्टे की जमीन के दस्तावेज मिल जाएं, लेकिन इसकी फाइल न तहसीलदार देते हैं, न नजूल विभाग वाले.

 ये दस्तावेज जानबूझकर गायब कर दिए गए हैं. यह गंभीर आपराधिक मामला है.

 हम मंडी की ज़मीन दबाने और ग़लत सूचना पर पट्टे लेने के मामले की जांच करवाएंगे.

 कैसे बचेंगे बाप-बेटे जेल जाने से?

 पहले के घोटालों की जांच लंबित है

 54 करोड़ के प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले के मुख्य अभियुक्त उमेश सिन्हा ने नार्को टेस्ट में कहा था कि उसने रमन सिंह को दो करोड़ रुपए पहुंचाए.

 उनके मंत्रियों को भी करोड़ करोड़ रुपए दिए गए. लेकिन नार्को टेस्ट की रिपोर्ट थाने से अदालत तक नहीं पहुंची.

 हम पहुंचाएंगे.

 36000 करोड़ के नान घोटाले की डायरी में ‘सीएम मैडम’ का नाम है, ‘सीएम कुक’ का नाम है और रमन सिंह की साली साहिबा के घर ‘ऐश्वर्या रेसिडेंसी’ का नाम है.

 पैसा आरएसएस मुख्यालय नागपुर गया और तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष और वर्तमान केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के शहर लखनऊ गया.

 लेकिन जांच नहीं हुई.

 हम कराएंगे जांच.

 अगुस्टा हेलिकॉप्टर घोटाले में भारी कमीशनखोरी हुई.

 भारत सरकार के वित्त सचिव ने 15 मार्च 2015 कोकहा कि मुख्यमंत्री और उनके बेटे की ओर से घोटाले का संदेह होता है और इसकी जांच चुनाव आयोग, सीबीआई, और ईडी को सौंपनी चाहिए. लेकिन कोई जांच नहीं हई.

 हमारी सरकार कराएगी जांच.

 अंतागढ़ कांग्रेस प्रत्याशी को रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता, उनके अभिन्न मित्र अजीत जोगी, उनके विधायक बेटे अमित जोगी ने रमन सिंह की सहमति से सात करोड़ में ख़रीदा.

 लाल बत्ती और बंगले का लालच दिया गया.

 रमन सिंह की सरकार ने हाईकोर्ट में इसकी जांच का विरोध किया.

 हमारी सरकार आएगी तो हम लोकतंत्र के चीरहरण के लिए जेल भेजेंगे रमन सिंह, उनके दामाद और मित्र को।

राजनांदगांव और प्रदेश की जनता को समझने की ज़रुरत है कि भोला चेहरा लिए रमन सिंह और उनके बेटे अभिषेक सिंह दरअसल प्रदेश की जनता के पैसों को लूटने में लगे हैं. इन लोगों ने मिलकर दरअसल सरकारी खजाने में एक तरह से डकैती डाली है.

 कांग्रेस की सरकार आते ही सारे मामलों की जांच उच्च न्यायालय के सीटिंग जज की निगरानी में एसआईटी बनाकर सौंप दी जाएगी. देखते हैं कैसे बचते हैं बाप-बेटे जेल जाने से.

 

 

शैलेश नितिन त्रिवेदी

महामंत्री एवं अध्यक्ष संचार विभाग

 छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी

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