अफ़सर अली
चिरिमिरी । जनपद पंचायत खड़गवां के पोंडी क्लस्टर में कार्यरत एक महिला पीआरपी ने जिला पंचायत के सीईओ को पत्र लिखकर मिशन संचालक के उपर प्रताड़ित करने तथा षड्यंत्र पूर्वक कार्य से पृथक करने का आरोप लगाया है । पत्र में महिला पीआरपी ने यह भी कहा है कि उसकी शिकायत पर जनपद पंचायत खड़गवां के सीईओ ने जांच भी कराई । जांच में उसकी कोई गलती नही मिलने के बावजूद उसे कार्यभार नही दिया जा रहा है ।
पत्र में महिला पीआरपी श्रीमती पुनीता ने कहा है कि वह जनपद पंचायत खड़गवां के क्लस्टर पोंडी में विगत 3 वर्षों से कार्य कर रही है। आज से 3 वर्ष पुर्व भी मेरे द्वारा कलस्टर में कार्य किया गया है, जिसमें समूह गठन, ग्राम संगठन का गठन, समूह का रजिस्टर सुधार करवाना, बैंक लिंकेज का प्रकरण तैयार कारवाना एवं अन्य जो भी कार्य जिला एवं विकासखण्ड कार्यालय द्वारा लिखित या मौखिक रूप से कहा जाता था, उस कार्य को समय सीमा में मेरे द्वारा पूर्ण कराया गया है। यदि कार्य को पूरा करने में फील्ड में कही भी समस्या आती थी, उसको जिला कार्यालय द्वारा बडे ही अच्छी तरीके से समझाया जाता था । यहा तक कि पीआरपी को जिला के पूर्व डीपीएम रवि सर के द्वारा पूरा सहयोग दिया जाता रहा है । परन्तु पिछले एक वर्ष से जब से हमारे जिला मिशन प्रबंधक के रूप में रामेन्द्र सर आये है, तब से केवल पीआरपी को धमकी दी जाती है। ऐसा लगता है कि जैसे हम कोई योजना में काम नही रहें है, बल्कि कोई अपराध करके आये है और जेल में सजा काट रहे है। आये दिन केवल पीआरपी को धमकी ही मिलता है कि तुम सबको निकाल दुरगा, वापस बलरामपुर भेज दूंगा। उसके बाद भी मेरे द्वारा कार्य किया जा रहा था । लेकिन मुझे कार्य से पृथक करने हेतु जिला मिशन प्रबंधक और बीपीएम दोनो मिलकर योजना बना लिये थे। और ये सब करने का कारण यही है कि बीपीएम के द्वारा गलत तरिके से समूह की महिलाओं से सीआईएफ राशि निकलवाने का मांग किया जाता था । मेरे द्वारा सहयोग न देने पर ही मेरे खिलाफ ऐसा आरोप लगाकर मुझे कार्य से बाहर किया गया है। और अक्टूबर माह में वर्मी खाद बना रहे समूह को कृषि विभाग से मंगा कर 262 रू प्रति किलो दिये गये केचुआ का पैसा बीपीएम और क्षेत्रीय समन्वयक द्वारा 500 रू प्रति किलो के मान से निम्न समूह जैसे सकरिया के शिव शक्ति महिला समूह, चिरमी के कृष्णा महिला समूह, इन्दरपुर के कृष्ण भगवान समूह, दुग्गी जय माँ समूह, जिल्दा के घुटरीदाई महिला समूह ऐसे खड़गवां ब्लाक के अन्य सभी समूह से लिया गया है। मेरे कलस्टर में मना करने पर, मुझे धमकी दिया गया था, तेरे को देख लेगें। बस इन लोगों पर आंच ना आये इसलिये समृद्धि महिला संकुल संगठन और वहा के कैडर का सहारा लिया गया और दिनांक 25/11/2020 को मुझे कार्य से मुक्त कर दिया गया । मुझे पता था कि सब मेरे विरूद्ध साजिश है। तब मैने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत खड़गवां को पत्र लिखकर पूरे मामले की निषपक्ष जाँच कराये जाने की मांग की। तब मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत खड़गवां के द्वारा जांच टीम गठित कर मामले की जांच कराई गई जिसमें साफ-साफ साबित हो गया कि कलस्टर संगठन के पदाधिरियों द्वारा गलत तरिके से मुझे कार्य से पृथक किया है परन्तु आज दिनांक तक मुझे क्लस्टर में कार्य करने हेतु नही कहा जा रहा है और 2 माह अक्टूबर और 24 नवम्बर तक मेरे द्वारा कलस्टर में कार्य किया गया है, जिसका कार्य प्रतिवेदन मैने जमा किया है फिर भी मानदेय मुझे नहीं दिया गया । चूंकि जिले के सारे टीचर का मानदेय आ चुका है। जिसके बारे में
पुछे जाने पर उनके द्वारा बताया गया कि आपका डेटा ब्लाक से नही आया हैं । मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत खड़गवां को पत्र के माध्यम से बताया गया कि सम्बंधित माह का मेरा मानदेय नही आया है । तब एसएलआरएम के लेखा प्रभारी द्वारा फोन के माध्यम से मुझे कहा गया कि आपको कार्य से पृथक कर दिया गया है, इसलिये जब तक आप अनापत्ति पत्र कलस्टर से बनवाकर जमा नहीं करेंगे, तब तक मानदेय नही मिलेगा । तब मेरे द्वारा अनापत्ति पत्र बनाकर उस पर कलस्टर संगठन के पदाधिरियों के द्वारा हस्ताक्षर करने को कहा गया तो उनके द्वारा हस्ताक्षर करने से मना कर दिया गया । मेरे द्वारा कलस्टर संगठन के पदाधिरियों से कारण पूछे जाने पर बताया गया कि आपके द्वारा जब तक किट जमा नही किया जायेगा, तब तक हम हस्ताक्षर नहीं करेंगे। मैने पूछा कौन सा किट तो वो बोले हम नही जानते, हमको हस्ताक्षर करने के लिये मना किया गया है। अब ऐसी परिस्थिति बताये मैं क्या करू। मुझे ब्लाक से या कलस्टर आप ही से किसी भी प्रकार का कोई भी सामग्री या किट नही दिया गया है। यदि दिया गया है तो पावती दिखाने की कृपा करें मैं तत्काल वह सामग्री या किट कार्यालय में जमा कर दूंगी। परन्तु ऐसा कोई सामग्री या किट नही है । केवल मुझे परेशान किया जा रहा है । न जिला एनआरएलएम टीम साथ दे रही है है और ना ही ब्लाक एनआरएलएम टीम । जबकि कोरिया जिले में कार्य करने हेतु हम अपना परिवार छोड़कर आये है और सेवा दे रहें है । पर एक महिला योजना में काम करने के बाद भी, एक महिला को प्रताडित किया जा रहा है। 4 माह होने जा रहे है । 2 माह का मानदेय नही दे रहे है ।
और ना ही जांच उपरांत निर्णय ही बता रहे है। कि मुझे कलस्टर अंतर्गत कार्य करना है या नही करना है।
महिला पीआरपी श्रीमती पुनिता रजक ने जिला पंचायत कोरिया के सीईओ से मांग की है वे कि उसके पत्र पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुये आवश्यक कार्यवाही करें तथा उसे न्याय दिलाये ।