फिर भी वो हार मानने को तैयार नहीं हैं
अंकिता का दावा है कि जार्ज बेकर और तसलीमा नसरीन की वह संतान हैं. उनका बचपन दक्षिण 24 परगना के बेहला में गुजरा. उनका लालन-पालन गौरी भट्टाचार्य ने किया. गौरी जॉर्ज बेकर की मौजूदा पत्नी अर्पिता की बहन थीं. गौरी का निधन हो गया है. अंकिता ने बताया कि उन्हें याद है कि जन्म के बाद वह जॉर्ज और तसलीमा के साथ ही रहती थी. यह बात जार्ज की पत्नी अर्पिता को पंसद नहीं थी. लिहाजा उनके दबाव पर जार्ज ने अंकिता को गौरी के हवाले कर दिया. अंकिता का दावा है कि गौरी भट्टाचार्य के भाई रंजीत के पास ढेर सारी तस्वीरें हैं, जो साबित कर देंगी कि जॉर्ज व तसलीमा माता-पिता हैं. गौरी ने ही उनकी शादी इंद्रनाथ भट्टाचार्य से करायी थी. शादी के बाद वह बर्दवान जिले के भातार में चली आयी. अपने जैविक माता-पिता के संबंध में जानने के बाद वह जॉर्ज से संर्पक की तो वह उनको पिता का स्नेह देने में कोई कमी नहीं छोड़े. इस बीच अर्पिता को फिर इस बात की जानकारी हुई तो उसने आसमान उठा लिया. लिहाजा जॉर्ज उसके जीवन से फिर दूर हो गये, लेकिन इस बार उन्होंने टूटने की बजाय अपने हक की लड़ाई लड़ने का फैसला लिया.
जॉर्ज और तसलीमा का संक्षिप्त परिचय तसलीमा नसरीन हमेशा अपने उनमुक्त जीवन और धार्मिक विषय पर अपनी बेबाक लेखनी के कारण चर्चा में रही हैं. अपनी जिंदगी में आधिकारिक रूप से अब तक वह तीन बार शादी कर चुकी हैं. पहली शादी 80 के दशक में हुई और उसके बाद 1990 में दूसरी और 1992 में तीसरी शादी वह कर चुकी हैं. शादी के बाद भी उनका कइयों से यौन संबंध रहा है इस बात को वह कभी छुपाई नहीं हैं. इसको लेकर कई विवाद हैं. जॉर्ज बेकर का जन्म असम में एक ग्रीक परिवार में हुआ, पेशागत रूप से वह अभिनेता हैं. असमिया के अलावा बांग्ला और हिन्दी फिल्मों व सीरियलों में वह काम कर चुके हैं. 2014 में वह भाजपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुके हैं. चुनाव में वह हार गये, लेकिन एंग्लो इंडियन समाज से तालुकात रखने के कारण राष्ट्रपति ने उनको लोकसभा के लिए नामित किया. फिलहाल वह भाजपा नेता और सांसद के रूप में कार्यरत हैं.
अंकिता भट्टाचार्य के पास पर्याप्त सबूत हैं कि वह बता सके कि वह जॉर्ज बेकर भाजपा सांसद और तस्लीमा नसरीन की पुत्री हैं इसके बावजूद इस बिटिया का कोई सुनने वाला नहीं है माता पिता के प्यार को तरसती यह बिटिया डीएनए टेस्ट भी करवाने को तैयार हैं जिस तरह के लोग एनडी तिवारी के मामले में रोहित शेखर का साथ दिया था वैसा यहां लोगों का रुझान नहीं है मीडिया से लेकर राजनेता तक इस मुद्दे को उठाने से बच रहे हैं