नितिन राजीव सिन्हा
मतदान १७ नवंबर २०२३ से सप्ताह भर पहले शुरू हुई रेल सेवाओं ने छत्तीसगढ़ में मतदान के तुरंत बंद दम तोड़ दिया है चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी के लगातार दौरों के बीच अनूपपुर से बिलासपुर जंक्शन के बीच पड़ने वाले रेल स्टेशनों खोंगसरा,टेंगनमाडा,बेलगहना पर बिलासपुर रीवा एक्सप्रेस,बिलासपुर नर्मदा एक्सप्रेस और बिलासपुर शहडोल लोकल ट्रेनों का स्टॉपेज घोषित कर ट्रेनों की नियमित सेवा आरंभ की गई थी पर,मतदान के संपन्न होते ही वह सब बंद हो गया ..,
आलम यह है कि गोंडवाना छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों के अतिरिक्त सात ट्रेनों के बंद रहने की अधिकारिक सूचना जारी की गई है जिससे रेल यात्रियों के लिये समस्या खड़ी हो गई है..,
जिस पर विपक्ष के तंज है कि ऐसा कोई दिन नहीं है जबकि ट्रेनें कैंसल होने की सूचना नहीं आती हो सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा गया है कि करारी हार होने से पहले छत्तीसगढ़ के लोगों से अपनी दुश्मनी निकाल रहे हैं पीएम मोदी..,
वैसे विगत तीन सालों से छत्तीसगढ़ की रेल पटरियों पर अधिकतर अदानी के कोयलों की ढुलाई कर रही माल गाड़ियों का परिचालन ही हो रहा है यात्री ट्रेनें बहुत कम चल रही हैं वह भी गाहे बगाहे ही चल पा रही हैं जन साधारण की मुश्किलें कम नहीं हो रही है पर मोदी सत्ता में प्रजा की यह दशा बताती है कल्याणकारी सरकारों के दिन गुजर गये हैं पर,कोयला हितकारी सरकारों की अवधारणा की पुष्टि इन दिनों हो रही है..,
जिस पर लिखना होगा कि,-
रण चंडी का रूप
लिये जब काल बन
रण में आई प्रजा की
ख़ातिर प्राण पर खेल
वह झाँसी की रानी
कहलाई पर,वक्त
बदला है रिवाज
बदल गया है
मिज़ाज बदल गया
है कोयले की दलाली
का अंदाज बयां हुआ
है खूब लड़ी मर्दानी
वह तो झाँसी वाली
रानी थी अब चलन
में है कि खूब
दिया गारंटी ये तो
झाँसे वाला राजा है..,