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  5. स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल जशपुर कि छात्रा सिमरन सबा ने किया जशपुर जिले का नाम रौशन : 99.5 प्रतिशत ला किया राज्य में प्रथम स्थान हासिल
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मुद्दों के स्तर पर कांग्रेस सरकार को घेरने में विफल रही भाजपा ने चार माह पहले टिकटों का वितरण कर यह संदेश दे दिया है कि वे फेस मोदी या जाँच एजेंसियों के टेरर डंपिंग के सहारे आगे नहीं बढ़ सक रहे हैं इसलिये लीडरशीप लेस कंडिडेट कैंट वॉक पर चुनाव लड़ने की तैयारी है..,

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नितिन राजीव सिन्हा 

लीडरशीप लेस भाजपा छत्तीसगढ़ में कैंडिडेट कैट वॉक पर २०२३ का विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही है २१ विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की गई है चुनाव से चार माह पूर्व हुई यह घोषणा यह संदेश देती है कि नेतृत्व का संकट और पंद्रह साल की उनकी सरकार के द्वारा किये गये भीषण भ्रष्टाचार,जनविरोधी किये गये कार्यों पर जनता के सवालों का सामना करने से बचने के लिये प्रत्याशियों की घोषणा कर उनके सिर सामने कर दिए गये हैं ताकि फेस मोदी,फेल मोदी होने से बच सकें सीएम फेस कोई नहीं है ऐसे में की गई यह घोषणा लंगोट बचा लेने की क़वायद मालूम होती है..,

भारतीय जनता पार्टी के साथ दिक़्क़त यह पेश हो रही है कि वह भूपेश बघेल के छत्तीसगढ़ियावाद के विरूद्ध खड़ी नहीं हो पा रही है अमूमन भाजपा में तमाम दिग्गज नेता और मलाई ओरियंटेड पॉलिटिक्स के साझेदार गुजराती,मारवाड़ी या सिंधी समाज से हैं जिससे प्रदेश की भोली भालीं जनता स्वयं को ठगा हुआ महसूस करती रही है वहीं भाजपा के भीतर स्थानीय कार्यकर्ताओं की हैसियत दरी चादर उठाने तक सीमित रही है ऐसा भाजपा के भीतर खाने की चर्चा में सुना जाना आम है..,

छत्तीसगढ़ ने वह दौर ए दस्तूर भी देखा है जबकि किसानों की ज़मीनें ज़बर्दस्ती छीनी जाती थी,कारोबारी घरानों के हवाले कर दी जाती थी किसान हाथ मलता रह जाता था सत्ता के दलाल हाथ साफ़ कर जाते थे तक़रीबन सात लाख हेक्टेयर ज़मीनों की लूट तब हुई थी जब रमन सिंह सरकार में थे पर,जनता की उम्मीदें दम तोड़ रही थीं..,

किसानों से किया वादा अधूरा रह जाता था मजदूर की कहीं सुनवाई नहीं होती थी कर्मचारियों की अनदेखी की जाती थी वहीं स्थानीय परंपरायें समाप्त हो रहीं थीं परदेशियावादी शोषण का सामना यहाँ के मूल निवासी निरंतर कर रहे थे पर,भाजपा जोड़ तोड़ करके चुनाव जीत जा रही थी सो जनता बेज़ुबान थी..,

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के लोगों के सम्मान में जो किया वह अनुकरणीय बन पड़ा है किसान समृद्ध हुआ है लैंडलेस लेबर आर्थिक रूप से शासन की नीतियों और योजनाओं के तहत मज़बूत हुआ है शहरों में स्वास्थ्य शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आये हैं बिजली बिल दर में रमन सरकार के टैरिफ़ के मुक़ाबले कमी आई हैं इसलिये भाजपा नेतृत्व जनता का सामना करने की स्थिति में नहीं है ..,

अमित शाह अपने हालिया दौरों में यह सब महसूस कर लिया है और उन्होंने लंगोट सलामत रहे इस रणनीति पर आगे बढ़ते हुए कोशिश कर रहे हैं कि किसी तरह चुनाव नेतृत्व के गुण दोष से परे जाकर लड़ लिया जाये इसलिये केंडीडेट कैंट वॉक के रास्ते पर चलते हुए चार महीने पहले ही प्रदेश नेतृत्व को जनता के सवालों से बचाने के मार्ग प्रशस्त कर दिये गये हैं के,२१ प्रत्याशी घोषित कर दिए गये हैं..,

अमित शाह की दास्ताँ ए दशा पर लिखना होगा कि,-

अब यही सजा

मुनासिब है लंगोट 

को मेरी किसी तरह

बचा ली जाये लंगोट 

मेरी..,

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