नितिन राजीव सिन्हा
भाजपा के शीर्ष नेताओं ने तब राहत की साँस ली जबकि समय की बाध्यता की वजह से ३९ पर आकर कांग्रेस जाप ठहर गई यदि ऐसा न होता तो लोगों का आंकलन है कि १०८ बार कांग्रेस नाम का जाप कर प्रदेश का माहौल कांग्रेसमय बना जाते ..,
खैर,यह राजनीति है छत्तीसगढ़ में भाजपा नेतृत्व के पाँव तले ज़मीन खिसकी हुई है २०२३ का विधानसभा चुनाव भाजपा के लिये गले की हड्डी बन गया है न वो निगल पा रहे हैं न उगल पा रहे हैं मसलन न कांग्रेस से लड़ पा रहे हैं न कांग्रेस के आगे मुद्दों की लड़ाई में मैदान में टिक पा रहे हैं सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि प्रदेश भाजपा नेतृत्व ने तथाकथित धर्मांतरण पर विगत दिनों बखेड़ा खड़ा किया हुआ था गोठान गोबर ख़रीदी को निशाने पर लिया हुआ था पर,पीएम मोदी की इन मामलों में चुप्पी यह बताती है कि कहीं न कहीं चुनावी तैयारियों में कमी है बिसात तो बिछ चुकी है पर,वह आधी अधूरी है..,
दैनिक भास्कर लिखता है कि प्रदेश में ट्रेनें रद्द होना व लेटलतीफ़ी बड़ा मुद्दा है बिलासपुर एयरपोर्ट विस्तार ज़मीन के लिये अटका है जो केंद्र के पाले में है, राहुल गांधी का नाम लेने से बचें जबकि पिछली सभा में नामदार जुबॉ पर था..,
अख़बार इसकी वजह पर लिखता है कि,एसईसीआर में ट्रेनों की लेटलतीफ़ी और रद्द होने से लोग परेशान हैं हाल ही में कांग्रेस ने बड़ा आंदोलन खड़ा किया था याचिका भी लगी है इधर एयर सर्विस ३ सी है अनियमित है ..,
पीएम मोदी टॉयलेट बनाने के काम पर श्रेय लेते रहे जिस पर लोगों की टिप्पणी थी कि सफ़ाई का,रखरखाव का ज़िम्मा भी ले लेते तो उनके प्रयास सार्थक हो जाते वहीं ४५ मिनट के उद्बोधन मे ३९ बार कांग्रेस का नाम लेना यह बता देता है कि भाजपा अपने काम पर वोट माँगने का साहस खो चुकी है वह कांग्रेस के खोट निकाल कर बचाव की राजनीति कर रही है जिस पर लिखना होगा कि,-
समझने ही नहीं
देती सियासत
हमको सच्चाई
कभी चेहरा नहीं
मिलता कभी दर्पण
नहीं मिलते..,