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  2. छत्तीसगढ़ की जनता ने समझी डबल इंजन सरकार की महत्ता,अब ओडिशा की जनता भी चाहती है मोदी की अगुआई वाली डबल इंजन की सरकार : विष्णु देव साय ने कहा नवीन ने ओडिशा के विकास के लिए नवीन कुछ नहीं किया आदिवासियों का कल्याण सिर्फ भाजपा सरकार कर सकती है
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फ्लाईंग किस का मज़मून दरअसल यह था कि पीएम मोदी की फ्लाईंग स्पीच से सदन को मणिपुर पर अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान रूबरू होना था खैर,देश अब समझ रहा है वह सम्हल रहा है के,अगरचे जोर हवाओं ने डाल रक्खा है मगर चरागों ने लौ सम्हाल रक्खा है..,

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नितिन राजीव सिन्हा 

रावण दो लोगों की सुनता था मेघनाद और कुंभकर्ण की,दोनों उसे यह तसल्ली देते थे कि वह अजर अमर है उसकी सत्ता को कोई चुनौती नहीं दे सकता है उसका कोई विकल्प नहीं है वह सदैव सोने की लंका पर राज करेगा पर,लंका कभी राख में बदल जायेगी यह कल्पना किसी ने नहीं की थी इसलिये रावण मनमानी करता था ..,

प्रभु श्रीराम की ब्याहता का अपहरण कर लिया ताकि माता सीता के हरण के पश्चात मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का लोक लाज नष्ट हो जाये,आने वाले काल और खंड में रावण की तूती बोले पर,श्रीराम तृण रूप में सुप्तावस्था में नही पहुँचाये जा सके यह राजकपट का विषय था जिसमें राजधर्म ताक पर रख दिये गये थे,प्रसंगश: रावण श्रीराम की खिल्ली उड़ाते हुए अट्टहास किया करता था पर,पीएम मोदी ने पूरी गंभीरता के साथ विपक्ष के नेता राहुल गांधी जो उच्च शिक्षा प्राप्त व्यक्ति हैं कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के छात्र रहे हैं के दिमाग़ पर सवालिया निशान इशारे इशारे में लगा लग रहे थे,रावण का अहंकार बोलता था पर टीवी न्यूज़ मीडिया ने मोदी के तंजवादी रवैये  पर कहा कि मोदी शानदार बैटिंग कर रहे हैं..,

राजधर्म १० अगस्त २०२३ की शाम ताक पर रखी गई जब पीएम मोदी सदन में मणिपुर हिंसा पर लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर बोल रहे थे उन्होंने २०२८ में अगला अविश्वास प्रस्ताव लाने का सुझाव विपक्षी गठबंधन को दे दिया,पर, मणिपुर की पीड़ा पर कुछ कहने से स्वयं को बचा लिया..,

संकेत साफ़ है कि २०२४ का चुनाव वे समय से पहले जीत चुके हैं ? चुनाव लड़ने की औपचारिकता महज़ शेष है यह अहंकार है या अति आत्मविश्वास इस पर मनन चिंतन होना चाहिये..,

राहुल कहते हैं रावण,मेघनाद और कुंभकर्ण की सुनता था वहीं पीएम मोदी,अमित शाह और अदानी की सुनते हैं मतलब,सरकारें लूटने की महारत और लोकतंत्र को ख़रीदने की ताक़त जिन दो लोगों में हैं उनकी अनसुनी की जाये यह संभव क़तई नहीं है..,

बक़ौल मोदी,शाह में उन्हें लोहिया के दर्शन होते हैं पर अदानी में उन्हें किसके दर्शन होते हैं इस रहस्य पर से पर्दा उठना बाक़ी है..,

अहंकार,रावण का था जो प्रभु श्रीराम को महज़ अयोध्या केराजा से राजपुरूष की पदवी दिला गया पराक्रम की पराकाष्ठा ऐसी कि राजधर्म के पालनकर्ता देवता के तौर पर पूजे जाने लगे मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अग्नि परीक्षा से होकर गुजरे धोबी का कलंक माथे पर लगाया और माता सीता का त्याग कर दिया..,

सदन में पीएम मोदी ने विपक्ष के नेता पर दिमाग़ी कमी और दिल्लगी करने के फूहड़ आरोप लगाये हैं जिसकी पृष्ठभूमि एक दिन पहले टीवी अभिनेत्री रही स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर फ्लाईंग किस करने के आरोप लगाकर तैयार कर दी थी कुछ महिला सांसदों ने राहुल की शिकायत स्पीकर के पास लिख कर की है जिसमें हेमा मालिनी के हस्ताक्षर हैं पर,हेमा का कहना है कि राहुल को फ्लाईंग किस करते हुए उन्होंने नहीं देखा है “मतलब बिना देखे ही शिकायत पत्र पर दस्तख़त कर दिये गये..?’ यह किंकर्तव्यविमूढ़ता है जिसका आग़ाज़ स्मृति ईरानी का मानसिक विचलन है..,

वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई लिखते हैं कि २०२४ के केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने हुये हैं ,२०१९ के आम चुनावों से पूर्व राजनीतिक फलक पर यह विचार हावी था कि मोदी के सामने कोई नहीं,उस बात को अब पाँच साल हो गये है लेकिन आज भी वही फ़ैक्टर क़ायम है..,

राजदीप सरदेसाई के लेख का महत्वपूर्ण पहलू यह है कि वे यह लिखकर पीएम मोदी और उनकी भजन मंडली के प्रभामंडल को छिन्न भिन्न कर देते हैं कि,अगर विपक्षी दल मोदी को निशाना बनाते हैं तो संत पक्ष भी मोदी के कल्ट के इर्द-गिर्द ही चीयरलीडर्स की तरह शोर मचाता है (सदन में) वहीं विपक्ष के बॉयकॉट के समय जिस तरह से ट्रेजरी बेंचों ने प्रधानमंत्री का ज़ोरदार अभिवादन किया उससे पता चलता है कि मोदी के लार्जर देन लाइफ़ व्यक्तित्व के कारण राजनीतिक वर्ग आज दो वर्गों में विभाजित हो गया है..,

राजदीप सरदेसाई के लेख में चीयरलीडर्स को जिस तरह भाजपाई नेतृत्व से जोड़ा गया है वह इस बात की पुष्टि करता है कि मोदी सत्ता,इवेंट मोदी तक सीमित होकर रह गई है यह पचहत्तर सालों में कमाई गई राजनीतिक पूँजी के लूट जाने जैसा है जहां वैचारिक धरा का अत होता है मोदी सर्कस का उद्भव होता है नेता अपनी पहचान यहाँ खो देते हैं वे सर्कस के जोकर बनकर रह जाते हैं..,

फ्लाईंग किस से शुरू हुई कथा पीएम मोदी के फ्लाईंग स्पीच तक पहुँच कर दम तोड़ देती है लिखने का अभिप्राय यह है कि मणिपुर जल रहा है के,०८ साल का एक बच्चा जिसकी माँ मैतेई थी पिता कूकी समुदाय से थे सुरक्षा कैंप में थे बच्चे को कहीं से आकर गोली लग गई उसे समुचित चिकित्सा के लिये माँ के आँचल से लिपटाकर पुलिस सुरक्षा में अस्पताल ले ज़ाया जा रहा था पर,अस्पताल पहुँचने से दो किलोमीटर पहले कथित तौर पर मैतेई भीड ने माँ बेटे समेत एंबुलेंस को आग के हवाले कर दिया,इस आग में भस्म हुआ भारत का भविष्य और भस्म भारत माँ की वह प्रतिनिधि छवि हुई है ..,

यह एक वाक्या मणिपुर की भयावह दशा का वर्णन करता है पर,पीएम मोदी के भाषण में न किसी घटना का ज़िक्र हुआ न किसी पीड़ित का सिर्फ़ यह कह देने से कि मणिपुर में शांति का सूरज उगेगा, इससे काम नहीं चलेगा बल्कि कुछ बड़ा कहा जाना चाहिये था ताली टेबल की धुन पर थिरकती हुई निर्लज्ज हरकतें बताती हैं कि रावण का अहंकार बड़ा था पर,राम की सेना छोटी थी वहीं पीएम मोदी का अभिवादन अभूतपूर्व हुआ है कि,’वह नि:संदेह लार्जर देन लाइफ़ हैं..?’

मंजर नकवी के शेर हैं कि,-

हसद की आग

में जलते रहो तो

जलते रहो चमन 

की ख़ाक में होगा

मिरा गुलाब वजूद..,

हसद - आह,पीड़ा

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