नितिन राजीव सिन्हा
लोग एक मोदी के भीतर कई मोदी देख रहे हैं रामभक्त पीएम मोदी में श्री कृष्ण की रंग बदलती छवि देख रहे हैं शो मेन राजकपूर के गीत हैं कि छलिया मेरा नाम छलना मेरा काम यह गीत विविध भारती रेडियो पर बज रहा था सुनकर मन पुलकित हो उठा पर,प्रभु श्रीकृष्ण ने छल को भी छलिया का बल माना था इन दिनों अमृत काल देश में चल रहा है सब कुछ अमृतमय मय हो गया है हो सकता अदानी सेठ ने अमृत चख लिया हो इसलिये इस अमृत काल में उनका नाम लिया जाना सरोकार सरकार के लिये असहज परिस्थितियों का निर्माण कर रहा है..,
देश का गृहमंत्री यदि सीबीआई पर आरोप लगा रहा है भले ही यह तब की बात हो जबकि कांग्रेस की केंद्र में सरकार थी पर,फिर भी यदि तब कुछ ग़लत हुआ था तो उसका खुलासा तत्काल किया जा सकता था पर, जबकि मोदी,अदानी मामले में विपक्ष के निशाने पर हैं तब मोदी का नाम ले लो छोड़ देंगे यह कहा जाना बचकाना है क्योंकि ऐसा पॉकिटमारी में पकड़ाये हुओं के साथ हो सकता है पर,किसी राज्य के क़द्दावर नेता पूर्व मंत्री से कोई ऐसा कहे यह अचरज की बात हो सकती है..,
अमित शाह ने कहा है कि कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौरान गुजरात में कथित फ़र्ज़ी मुठभेड़ के मामले में सीबीआई ने उन पर एनकाउंटर का फ़र्ज़ी केस दर्ज कर दबाव बनाया था कि,मोदी का नाम ले लो छोड़ देंगे..,
अमित शाह देश के गृहमंत्री हैं उनके द्वारा अधिकारिक तौर पर फ़र्ज़ी मुठभेड़ पर बात करना देश की क़ानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा करता है इससे अपराधियों को बल मिलेगा कि मुठभेड़ फ़र्ज़ी होते है दूसरी बात मोदी का नाम ले लो छोड़ देंगे यह कहकर देश के गृहमंत्री ने सीबीआई जैसी देश की शीर्ष जाँच एजेंसी की कार्य प्रणाली को कटघरे में खड़ा करने के प्रयास किये हैं सवाल तो यह उठता है कि,क्या देश में सिर्फ़ दबाव बनाने के लिये जाँच एजेंसियाँ सत्ता के प्रभाव में काम करती हैं..?
पीएम मोदी इन दिनों दो राहें पर खड़े हैं एक तरफ़ उनकी ईमानदार छवि है दूसरी तरफ़ अदानी से उनकी नज़दीकी है जिस पर बड़े घोटाले करने के विपक्ष के आरोप हैं संयुक्त संसदीय समिति के गठन कर अदानी के लाखों करोड़ रूपयों के घोटाले की जाँच करने की माँग उठ रही है पर,मोदी चुप्पी साधे हुए हैं वहीं राहुल गांधी के आरोप हैं कि टीम मोदी,अदानी मामले पर से ध्यान भटकाने के हर संभव प्रयास कर रही है..,
अमित शाह का यह ताज़ा तरीन खुलासा कुछ दिन चर्चा में रहेगा तब तक अदानी मामले पर लोगों का ध्यान नहीं जायेगा खैर,इस तरह के प्रयोजन पर जनता के हिस्से के ज़ख़्म पर मिर्ज़ा ग़ालिब के शेर हैं कि,-
जला है जिस्म
जहां दिल भी
जल गया होगा
कुरेदते हो जो
अब राख जुस्तजू
क्या है..,
जुस्तजू- तलाश