बुरहानपुर (इक़बाल अंसारी)
बुरहानपुर ज़िला न्यायालय के कुटुंब न्यायालय में भोपाल से स्थानांतरित होकर आए नवागत प्रधान न्यायधीश शेख सलीम ने 6 फ़रवरी को पदभार ग्रहण करते समय परामर्श दाताओं को संबोधित करते हुए माननीय प्रधान न्यायधीश शेख सलीम ने अपना लक्ष्य और अपनी प्राथमिकता बताते हुए कहा था कि परिवार न्यायालय में लंबित सभी प्रकार के प्रकरणों का निराकरण होकर पति पत्नी अपना जीवन अच्छे से व्यतीत करें, यह उनकी प्राथमिकता होगी। अपनी बातों को अमलीजामा पहनाते हुए अल्प समय में ही फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायधीश शेख सलीम ने अपने न्यायालय में लंबित नसरीन बानो बगैरा विरुद्ध जावेद बेग के लंबित प्रकरण क्रमांक एमजेसी 127/ 2022 में प्रधान न्यायधीश शेख सलीम ने अपनी खंडपीठ के एक सक्रिय सदस्य एवं सीनियर एडवोकेट अब्दुल वकील खान के माध्यम से ऐसा प्रयास किया के दोनों पति पत्नी ने कुरआन ए पाक की सुरा ए निसा के अनुसार अल्लाह ने दोनों मियां बीबी के दिलों में अपने बच्चों के भविष्य की खातिर एक साथ रहने और अपना वा परिवार का जीवन सुखमय बनाने के लिए राजी हो गए। यह इतिहासिक कारनामा कुटुंब न्यायालय और उसके प्रधान न्यायाधीश श्री शेख़ एवं उनकी खंडपीठ की टीम के प्रयासों के एक सदस्य ए वी ख़ान के माध्यम से ही संभव हो सका है। प्राप्त जानकारी के अनुसार आवेदिका नसरीन बानो ने स्वयं के लिए और उसके दो बच्चों के लिए मासिक भरण पोषण खर्च पाने हेतु एक आवेदन पत्र कुटुंब न्यायालय के समाक्ष दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 125 के अंतर्गत प्रस्तुत किया था। लोक अदालत में पारिवारिक विवाद होने का वैवाहिक मामला कुटुंब न्यायालय खंडपीठ के प्रधान न्यायधीश श्री शेख सलीम एवं अभिभाषक सदस्य अब्दुल वकील खान द्वारा उक्त मामले में दोनों पक्षों को सुना गया। उक्त मामले में पाया गया कि अनावेदक जावेद बेग निवासी तहसील मलकापुर जिला जलगांव महाराष्ट्र का है, जबकि आवेदिका नसरीन बानो बुरहानपुर मध्य प्रदेश के निवासी है। आवेदिका नसरीन बानो का विवाह 20/07/2017 को अनावेदक जावेद बेग के साथ संपन्न हुआ था। कुछ वर्षों तक दोनों का वैवाहिक जीवन अच्छा चलता रहा जिसके फलस्वरूप उभय पक्षों को दो संताने एक पुत्र एक पुत्री उत्पन्न हुई और पुत्री के जन्म के बाद अनावेदक द्वारा विवाद कर तकलीफ देने लगा। घरेलू हिंसा और प्रताड़ना के कारण आवेदिका नसरीन दोनों बच्चों सहित 07/07/2021 से अपने मायके बुरहानपुर आकर रहने लगी। लोक अदालत द्वारा गठित खंडपीठ के सदस्यों की टीम की समझाइश से अभय पक्षों ने आपसी राज़ी नामा करके भविष्य में एक दूसरे के संग अच्छे से सुख पूर्वक रहने का प्रण किया है।