गांजा तस्कर ने कोर्ट में सुनाई अलग-अलग कहानी:ट्रायल कोर्ट में जबरन गिरफ्तार करने का आरोप, हाईकोर्ट में बोला-मैं तो साथ गया था
गांजा तस्कर ने कोर्ट में सुनाई अलग-अलग कहानी:ट्रायल कोर्ट में जबरन गिरफ्तार करने का आरोप, हाईकोर्ट में बोला-मैं तो साथ गया था
ग्वालियर में एक गांजा तस्करी से जुड़े लोग खुद को बेकसूर साबित करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे है। ट्रायल कोर्ट में जमानत आवेदन लगाकर एक कहानी बताते हैं। जब ट्रायल कोर्ट आवेदन खारिज कर देता है तो हाई कोर्ट में याचिका पेश कर दूसरी कहानी सुनाते हैं। ताजा मामला हाथरस निवासी अर्जुन पुत्र ओमवीर सिंह चौहान का है, जिसे मुरैना पुलिस ने 29 अगस्त 2023 को चेकिंग के दौरान गिरफ्तार किया था। जिस कार में सवार होकर अरुण ओडिशा से आ रहा था। उसमें चेकिंग के दौरान पुलिस को 150 किलोग्राम गांजा मिला था। ट्रायल कोर्ट में अर्जुन की ओर से दलील दी गई कि वह ट्रक ड्राइवर है और मालिक के कहने पर ट्रक को ले जाने के लिए मुरैना पहुंचा था। तभी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
हाई कोर्ट में जमानत के लिए बदल दी कहानी
6 सितंबर 2023 को ट्रायल कोर्ट ने जमानत आवेदन खारिज किया। जिसके बाद अगस्त 2024 में हाई कोर्ट में जमानत याचिका प्रस्तुत की गई। यहां आरोपी को ओर से दलील दी गई कि वह तो हाथरस का निवासी है। उसे नहीं मालूम कि गाड़ी में गांजा भरा हुआ था। वह तो केवल साथ में गया ता। इसीलिए जब पुलिस ने चेकिंग के लिए गाड़ी रोकी तो वह आराम से बैठा रहा। लेकिन सतीश पांडे गाड़ी से भाग गया। हालांकि, कोर्ट ने इन तर्को को मानने से इनकार करते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी।
आरोपी ने मेमो में बताया तस्करी का रूट
शासन की ओर से पैरवी करते हुए एडवोकेट राजेंद्र सिंह यादव ने हाई कोर्ट को बताया अर्जुन सिंह चौहान को अन्य आरोपियों ने सात से आठ दिन में वापस लौटने की बात कही गई थी। साथ ही ये भरोसा दिया गया था कि ओडिशा से वापस लौटने पर उसे 15 से 20 हजार रुपए भी मिलेंगे। इसी लालच में वह अन्य आरोपियों के साथ कार से दिल्ली पहुंचा। वहां से ये लोग भुवनेश्वर पहुंचे। यहां वे एक अस्पताल के पास रुके। वहां से ब्रह्मपुर (ओडिशा) पहुंचे। यहां भी कुछ समय रुकने के बाद तीनों आरोपी कार से गजपति जिले के अडावा पहुंचे। यहां उन्हें कृष्णा नायक मिला, जो उन्हें एक सूनसान इलाके में ले गया और गांजा दिया। गांजा देने के बाद काफी दूरी तक कृष्णा नायक की गाड़ी आरोपियों की कार के आगे चलती रही। बाद में वे कार से मुरैना पहुंचे, जहां पुलिस चेकिंग में उनकी कार को रोक लिया गया। चेकिंग के दौरान पुलिस को कार से 150 किलोग्राम गांजा मिला था। हालांकि, आरोपी अर्जुन सिंह चौहान की ओर से ये भी दलील दी गई कि यह उसका पहला अपराध है और वह एक साल से जेल में बंद है। लेकिन अपराध की गंभीरता को देखते हुए हाई कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया।
ग्वालियर में एक गांजा तस्करी से जुड़े लोग खुद को बेकसूर साबित करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे है। ट्रायल कोर्ट में जमानत आवेदन लगाकर एक कहानी बताते हैं। जब ट्रायल कोर्ट आवेदन खारिज कर देता है तो हाई कोर्ट में याचिका पेश कर दूसरी कहानी सुनाते हैं। ताजा मामला हाथरस निवासी अर्जुन पुत्र ओमवीर सिंह चौहान का है, जिसे मुरैना पुलिस ने 29 अगस्त 2023 को चेकिंग के दौरान गिरफ्तार किया था। जिस कार में सवार होकर अरुण ओडिशा से आ रहा था। उसमें चेकिंग के दौरान पुलिस को 150 किलोग्राम गांजा मिला था। ट्रायल कोर्ट में अर्जुन की ओर से दलील दी गई कि वह ट्रक ड्राइवर है और मालिक के कहने पर ट्रक को ले जाने के लिए मुरैना पहुंचा था। तभी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
हाई कोर्ट में जमानत के लिए बदल दी कहानी
6 सितंबर 2023 को ट्रायल कोर्ट ने जमानत आवेदन खारिज किया। जिसके बाद अगस्त 2024 में हाई कोर्ट में जमानत याचिका प्रस्तुत की गई। यहां आरोपी को ओर से दलील दी गई कि वह तो हाथरस का निवासी है। उसे नहीं मालूम कि गाड़ी में गांजा भरा हुआ था। वह तो केवल साथ में गया ता। इसीलिए जब पुलिस ने चेकिंग के लिए गाड़ी रोकी तो वह आराम से बैठा रहा। लेकिन सतीश पांडे गाड़ी से भाग गया। हालांकि, कोर्ट ने इन तर्को को मानने से इनकार करते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी।
आरोपी ने मेमो में बताया तस्करी का रूट
शासन की ओर से पैरवी करते हुए एडवोकेट राजेंद्र सिंह यादव ने हाई कोर्ट को बताया अर्जुन सिंह चौहान को अन्य आरोपियों ने सात से आठ दिन में वापस लौटने की बात कही गई थी। साथ ही ये भरोसा दिया गया था कि ओडिशा से वापस लौटने पर उसे 15 से 20 हजार रुपए भी मिलेंगे। इसी लालच में वह अन्य आरोपियों के साथ कार से दिल्ली पहुंचा। वहां से ये लोग भुवनेश्वर पहुंचे। यहां वे एक अस्पताल के पास रुके। वहां से ब्रह्मपुर (ओडिशा) पहुंचे। यहां भी कुछ समय रुकने के बाद तीनों आरोपी कार से गजपति जिले के अडावा पहुंचे। यहां उन्हें कृष्णा नायक मिला, जो उन्हें एक सूनसान इलाके में ले गया और गांजा दिया। गांजा देने के बाद काफी दूरी तक कृष्णा नायक की गाड़ी आरोपियों की कार के आगे चलती रही। बाद में वे कार से मुरैना पहुंचे, जहां पुलिस चेकिंग में उनकी कार को रोक लिया गया। चेकिंग के दौरान पुलिस को कार से 150 किलोग्राम गांजा मिला था। हालांकि, आरोपी अर्जुन सिंह चौहान की ओर से ये भी दलील दी गई कि यह उसका पहला अपराध है और वह एक साल से जेल में बंद है। लेकिन अपराध की गंभीरता को देखते हुए हाई कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया।