लगभग पंद्रह किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ कोरिया जिले के अंतर्गत खड़गंवा थाना का एक पुलिस चौकी जो बचरापोड़ी में स्थित है यह भवन गौशाला से भी बदतर स्थिति में है।
20 ग्राम पंचायतों के बीच स्थित बिना बंदीगृह वाला पुलिस चौकी वैसे तो थाना का हैसियत रखता है लेकिन इसे पुलिस चौकी के लिए भी अभी तक अपना भवन नसीब नहीं हुआ है,किराए से लिया गया भवन बरसात के समय में जहां-तहां से पानी टपकता रहता है, कोरिया जिले में सभी थाना एवं पुलिस चौकी भवन का उन्नयन हो गया है सिर्फ बचरापोड़ी पुलिस चौकी ही ऐसा पुलिस चौकी है जो अभावों व विभिन्न समस्याओं से जूझते हुए भी स्थनीय नागरिकों के हिफाजत के लिए सदैव तत्पर है। इससे भी दुखद स्थिति यह है कि यहां के स्टाफ को शासन ने किसी प्रकार का कोई वाहन उपलब्ध नहीं करवाया है, अगर किसी प्रकार का अपराध घटित होता है तो पुलिस को अपने निजी वाहन या जुगाड़ का वाहन से सर्चिंग करने को निकलना पड़ता है इससे तो आप अंदाजा लगा ही सकते हैं की तत्कालीन घटना के समय किसी घटना को रोकने के लिए घटनास्थल कैसे पहुंच पहुंच पाती होगी बचरापोड़ी पुलिस। रमन सिंह के शासनकाल में उनके दौरे के समय स्थानीय नागरिकों ने मांग की थी कि पुलिस चौकी का उन्नयन कर थाना बनाया जाए उसका अपना भवन हो, उस समय उन्होंने आश्वासन भी दिया था लेकिन सत्ता बदल गई अब भूपेश सरकार से लोगों की आस है. वैसे जिले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक चाह लें तो 1 महीनों के अंदर बचरापोड़ी पुलिस चौकी का अपना भवन हो सकता है।
समाजवादी विचारधारा के नेता अमरजीत पटेल का कहना है कि अगर जिला मुख्यालय को लगता है कि वहां भवन की आवश्यकता नहीं है कानून व्यवस्था सब ठीक है तो पुलिस चौकी की भी क्या जरूरत है, उसे भी बंद कर देना चाहिए।