तीन राज्यों में भाजपा हारी है और कांग्रेस जीती है | हमारे बहुत से साथी बहुत खुश हैं | उन्हें लगता है कि अब सब कुछ बदल जाएगा | लेकिन मैं थोड़ा आशंकित हूं | मेरी आशंका के क्या कारण हैं वो मैं आपके सामने रखूंगा |
मेरा कार्यक्षेत्र छत्तीसगढ़ का बस्तर रहा है |
जब हम छत्तीसगढ़ में थे उस समय छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का नेता जो विपक्षी दल का नेता महेंद्र कर्मा था| वह गैर कानूनी अभियान सलवा जुडूम का नेतृत्व कर रहा था | सलवा जुडूम को सर्वोच्च न्यायालय ने संविधान विरोधी घोषित किया | कांग्रेस ने आज तक सलवा जुडूम के दौरान किये गये ज़ुल्मों के लिए माफी नहीं मांगी है |
मुझे अच्छे से याद है जब सारकेगुडा में सीआरपीएफ ने माटी त्योहार मना रहे सत्रह आदिवासियों को गोलियों से भून डाला था जिनमें नौ बच्चे बच्चियां भी थीं | तब कांग्रेस के गृहमंत्री पी चिदम्बरम ने पूरी तरह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के इस भयानक काम की तारीफ़ की थी और प्रेस कांफ्रेंस करके कहा था कि हमारे सुरक्षा बलों ने दुर्दांत माओवादियों को मार डाला है |
जबकि दंतेवाड़ा ज़िले के कांग्रेस के बनाये गये जांच दल ने माना था कि सुरक्षा बलों ने निर्दोष आदिवासियों की हत्या की है | मैं खुद भी जब चिदम्बरम से मिला था तो चिदम्बरम ने मेरे मुंह पर रमन सिंह की बड़ी तारीफें की थीं | आज किस मुंह से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस भाजपा के कामों का विरोध कर रही है जब खुद उसने केंद्र में रहते हुए बड़े कार्पोरेट के लिए ज़मीनें छीनने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार को मदद दी और उसका समर्थन किया था ?
अगर आप इसलिए खुश हैं कि अब कांग्रेस का नेतृत्व राहुल गांधी के हाथ में आ गया है इसलिए अब कांग्रेस पुरानी कांग्रेस नहीं रह गई है तो कांग्रेस को यह साबित करना होगा | कांग्रेस पहले सलवा जुडूम के लिए माफी मांगे | कांग्रेस पहले भाजप सरकार द्वारा सोनी सोरी पर लगाये गये फर्ज़ी केस वापस ले और सोनी सोरी के गुप्तांगों में पत्थर भरने वाले पुलिस अधीक्षक अंकित गर्ग के खिलाफ ऍफ़आईआर दर्ज़ करने का आदेश दे और उसे जेल में डाले | सोनी सोरी द्वारा उठाये गए मानवाधिकार हनन के मामलों की जांच शुरू करवाए |
कांग्रेस में साहस है तो सुकमा के कलेक्टर अलेक्स पाल मेनन के नक्सलियों द्वारा अपहरण के बाद जेलों में बंद निर्दोष आदिवासियों को रिहा करने के लिए बनाई गई बुच समिति को जीवित करे और निर्दोष आदिवासियों को जेलों से रिहा होने में अड़चन ना पैदा करे |
मुझे याद है जब सुकमा ज़िले के गोमपाड गांव में सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन ने सोलह आदिवासियों को तलवारों से काट दिया था जिसमें अस्सी साल की महिला के स्तन काट डाले थे और डेढ़ साल के बच्चे का हाथ काट दिया था | जब इस मामले को लेकर मैं सुप्रीम कोर्ट आया तो कांग्रेस सरकार ने मेरे खिलाफ कोर्ट में अपने वकील खड़े किये और मुझे नक्सली कहा। हांलाकि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को मुझे नक्सली समर्थक कहने पर डांट पिलाई थी | आज भी वह मामला सुप्रीम कोर्ट में लटका हुआ है |
मैं यह भी नहीं भूल सकता कि कांग्रेस के समय में ही भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और गृहमंत्री पी चिदम्बरम ने मेरे सुप्रीम कोर्ट में मामले उठाने पर बयान दिया था कि अब माओवादी अदालतों की मदद ले रहे हैं | और मैंने जवाब में लिखा था कि आपको तो खुश होना चाहिए कि माओवादी कानून और संविधान को मान रहे हैं और अगर कोर्ट में जाना भी माओवाद है तो हमें लिस्ट देकर बता दीजिये कि आपकी नज़र में और क्या क्या माओवाद होता है ?
कांग्रेस को यह भी याद रखना चाहिए कि भारत में इस्लामी आतंकवाद का हौव्वा कांग्रेस के समय में ही खड़ा किया गया था | टाडा, पोटा, मकोका, यूएपीए जैसे दमनकारी कानून कांग्रेस के ही समय में लाये गये थे और इन कानूनों के तहत गिरफ्तार किये गये लोगों में नब्बे प्रतिशत से ज़्यादा लोग मुसलमान थे जो बाद में निर्दोष घोषित किये गये |
कांग्रेस के समय में भारत के गृह मंत्रालय ने इंडियन मुजाहिदीन जैसे काल्पनिक आतंकवादी संगठन का हव्वा खड़ा किया और भारत की आईबी के लोगों ने मुस्लिम आतंकवाद का हौव्वा सही साबित करने के लिए अपने एजेंटों के द्वारा मुसलमान लड़कों को भड़का कर उन्हें उग्र बनाने की हरकतें कीं जिनका खुलासा रिहाई मंच कई मामलों में अपनी जांच रिपोर्टों में कर चुका है |कांग्रेस ने ही बाबरी मस्जिद का ताला खुलवाया था और देश में साम्प्रदायिक राजनीति का रास्ता साफ़ किया था |