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आरटीआई राजकुमार मिश्रा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाकर की वर्षो से लंबित छत्तीसगढ़ के 45 आईएएस अधिकारियों के शिकायतों के निराकरण हेतु दिशा निर्देश जारी करने की मांग

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चिरमिरी । चिरमिरी निवासी आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में जनहित याचिका लगाकर मांग किया है कि छत्तीसगढ़ राज्य में 45 अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों (IAS) के विरुद्ध कई वर्षों से लंबित शिकायतों का निराकरण करने के संबंध में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय दिशा निर्देश जारी करें. छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में यह जनहित याचिका क्रमांक 69/2021 के रूप में पंजीकृत किया गया है. इस जनहित याचिका की सुनवाई 25 अप्रैल 2024 को हुई. 

      जनहित याचिका के अनुसार 16.12.2015 को छत्तीसगढ़ विधानसभा में एक प्रश्न विधायक देवजी भाई पटेल के द्वारा पूछा गया था कि क्या मुख्यमंत्री महोदय बताने की कृपा करेंगे कि  17.11.2015 तक भारतीय प्रशासनीक सेवा के किन- किन अधिकारियों के विरूद्ध शिकायती प्रकरण लंबित है? उनके नाम पदस्थापना सहित ब्यावरा दें. इस प्रश्न का उत्तर तात्कालिक मुख्यमंत्री के द्वारा बताया गया कि 17.11.2015 तक भारतीय प्रशासनिक सेवा के 45 अधिकारियों के खिलाफ शिकायत लंबित है. इस उत्तर में निम्न 45 अधिकारियों का नाम बताया गया.

    सी.के. खेतान, जी. आर. चुरेंद्र, छत्तर सिंह डहरे, डॉ. कमलप्रीत सिंह, मुकेश बंसल, एन. एम. छीरसागर, श्रीमती शारदा वर्मी,  श्रीमती रितु सेन, निरंजन दास,  हिमशिखर गुप्ता, एन. के. खाखा,  उमेश कुमार अग्रवाल, ओ. पी. चौधरी,  श्रीमती आर. संगीता,  टी. राधाकृष्णन, अमित कटारिया, नरेंद्र कुमार शुक्ला, एलेक्स पाल मेनन, के. सी. देवासेनापति, अशोक कुमार अग्रवाल, सुश्री ओमेगा युनाईस टोपो, भीम सिंह, चंदन कुमार, सुश्री अमरमेलमंगई डी., रणवीर शर्मा, जी. एस. मिश्रा, विकास संदीपान, अवनीश कुमार शरण, डॉ. सारांश मित्तर, जे. पी. पाठक, अंकित आनंद, दिनेश श्रीवास्तव, टॉमन सिंह सोनवानी, के. डी। पी. राव, सुरेंद्र कुमार जयसवाल, एम. के. राउत, अनबलगन पी, बी. के. धुर्वे, रजत कुमार, सिद्धार्थ कोमल परदेशी, डॉ. रोहित यादव, भुवनेश यादव, सुब्रत साहू, अमृत खलखो, दिलीप वासनिककर. भारतीय प्रशासनिक सेवा के उक्त 45 अधिकारियों के विरुद्ध लंबित शिकायती प्रकरणों में राज्य सरकार को अब तक यह निर्णय ले लेना चाहिए था कि उनके विरुद्ध जांच करना है अथवा नहीं, इन अधिकारियों के विरुद्ध शिकायतें गंभीर प्रकृति का है.

इस जनहित याचिका में पूर्व सुनवाई में छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के द्वारा जवाब प्रस्तुत कर बताया गया कि 45 आईएएस अधिकारियों के विरुद्ध किस प्रकार की शिकायतें लंबित है. 

      इस जनहित याचिका में सुनवाई दिनांक 25.04.2024 को किया गया. इस सुनवाई में छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के द्वारा शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया.

शपथ पत्र में राज्य सरकार की ओर से बताया गया है कि चार लोगों के विरुद्ध जांच आरंभ की गई थी जिसमें  जी. आर. सुरेंद्र तात्कालिक अतिरिक्त कलेक्टर गरियाबंद और भीम सिंह तात्कालिक एसडीएम पेंड्रा रोड बिलासपुर के विरुद्ध जांच अब भी पेंडिंग है अलेक्स पॉल मेनन तात्कालिक कलेक्टर बलरामपुर रामानुजगंज और भुवनेश यादव तात्कालिक डायरेक्टर हॉर्टिकल्चर विभाग के विरुद्ध शिकायत समाप्त कर दिया गया है । आगे उच्च न्यायालय द्वारा आदेश किया गया है कि चार हफ्ते के भीतर शेष दो लोगों के विरुद्ध जो शिकायत पेंडिंग है उसका निराकरण राज्य सरकार करें । राज्य सरकार के द्वारा प्रस्तुत किए गए शपथ पत्र की प्रति ईमेल के माध्यम से याचिकाकर्ता को भेजा जाए । प्रकरण की अग्रिम सुनवाई अगस्त के प्रथम सप्ताह में निर्धारित की गई है.

       इस प्रकरण की सुनवाई चीफ जस्टिस और जस्टिस रजनी दुबे के न्यायालय में किया गया.

        उपरोक्त संदर्भ में पूछे जाने पर आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा के द्वारा कहा गया कि “आईएएस अधिकारी ही किसी राज्य को  सुव्यवस्थित रीति से संचालित करने के लिए जिम्मेदार होते हैं और उन आईएएस अधिकारियों के विरुद्ध कई वर्षों से शिकायतें लंबित है जो बेहद गंभीर प्रकृति की है । असल बात यह है कि इस तरह के आईएएस अधिकारियों के विरुद्ध जांच भी उन्हीं के स्तर का कोई व्यक्ति करता है जिसमें न्यायोचित जांच होकर दोषी अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही किया जाना बेहद कठिन और दुष्कर होता है । यदि इस प्रकार का जांच उच्च न्यायालय के देखरेख मैं होता है तभी जांच निष्पक्ष संपन्न हो सकता है.

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