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  5. प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने पांव पखारकर किया 50 परिवारों के 120 लोगो का घर वापसी,साथ ही हुआ आचार्य श्री सतानंद महाराज जी के सानिध्य में श्री वनवासी राम कथा का आयोजन
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गृहविज्ञान विभाग द्वारा सौर ऊर्जा दिवस पर कार्यशाला आयोजन

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मनेंद्रगढ़।  शासकीय विवेकानन्द स्नातकोत्तर महाविद्यालय मनेन्द्रगढ़ गृहविज्ञान विभाग द्वारा सौर ऊर्जा दिवस पर सौर ऊर्जा के महत्व को रेखांकित करते हुए सोलर कूकर का प्रदर्शन कर छात्राओं को जानकारी प्राचार्य एवं विभागाध्यक्ष गृहविज्ञान डॉ. सरोजबाला श्याग विश्नोई द्वारा दी गई। आपने बताया कि भारत एक ऐसा देश है जो सूर्य प्रकाश से समृद्ध है, सौर ऊर्जा पूरे वर्षभर उपलब्ध होती है और इससे हमारी ऊर्जा मांगो को पूरा करने के लिए प्रत्येक गृहणी वैकल्पिक स्रोत के रूप में सोलर कूकर का प्रयोग कर सकती है। सौर ऊर्जा सबसे सस्ती, अक्षय, पर्यावरण के अनुकूल होती है। इसका उपयोग खाने पकाने, सूखाने, निर्जलीकरण, दाहक, शीतलन और सौर ऊर्जा उत्पादन सहित विभिन्न घरेलू और कृषि आवश्यकताओं के लिए किया जा सकता है। लगभग 10-15 व्यक्तियों के लिए घर से बाहर खाने पकाने के लिए इस प्रकार से सौर ऊर्जा का प्रयोग किया जा सकता है। इसमें एनोड की गई एल्यूमूनियम सीट एक परावर्तन सामग्री होती है। आपतित सौर विकिरण पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए परवलयिक डिस का प्रयोग किया जाता है। सोलर कूकर ऐसा उपकरण है जिसका प्रयोग कर के हम प्रकाश की ऊर्जा के माध्यम से खाद्य पदार्थ को पकाना या पाश्चूरिकृत करने के लिए उपयोग में लाते है एवं अन्य प्रकार की ईधन का बचत करते है, जिसमें एकल फोकल बिन्दु पर सूर्य के प्रकाश को प्रतिबिंबित करते है। सोलर कूकर में अवतल दर्पण का उपयोग किया जाता है। वह दर्पण जिसकी परावर्तक सतह वर्कता के केन्द्र की ओर होती है। सोलर कूकर छोटे प्रतिष्ठानों के लिए उपयोगी है और एक दिन मेें कूकर लगभग 0.6 की किलोवाट की शक्ति प्राप्त कर सकता है जो आधे घण्टे में 02-03 लीटर पानी उबाल सकता है। बर्तन के तल पर प्राप्त तापमान 350 से 500 डिग्री सेण्टीग्रेड तक पहुँच सकता है। इसमें सूर्य को ट्रैक करने की आवश्यकता होती है और नीचे के बर्तन का तापमान एक डिश सोलर कूकर में हजार डिग्री सेल्सियस से ऊपर भी हो सकता है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्राओं ने भाग लिया एवं श्रीमती अनुपा तिग्गा सहायक प्राध्यापक द्वारा भी इस अवसर पर व्याख्यान दिया गया।

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