CG BREAKING : कुख्यात हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधुओं ने हाईकोर्ट में लगाई जमानत याचिका..पढ़ें पूरी ख़बर

CG BREAKING : कुख्यात हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधुओं ने हाईकोर्ट में लगाई जमानत याचिका..पढ़ें पूरी ख़बर

Chhattisgarh News/बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के कुख्यात हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र सिंह तोमर और रोहित सिंह तोमर की जमानत याचिका को बिलासपुर हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। गिरफ्तारी से बचने के लिए दोनों फरार भाइयों ने अधिवक्ता मनहर साहू के जरिए याचिका दायर की है, जिस पर 19 अगस्त को चीफ जस्टिस की बेंच में सुनवाई होगी। दोनों पर रायपुर के तेलीबांधा और पुरानी बस्ती थाना क्षेत्रों में सात मामले दर्ज हैं। इसके अलावा, शहर के अन्य थानों में भी मारपीट, ब्लैकमेलिंग, रंगदारी, सूदखोरी और कब्जे से जुड़े गंभीर अपराधों की लंबी फेहरिस्त है। पुलिस दोनों को पकड़ने के लिए लगातार प्रयासरत है, मगर अब तक कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लग सका है। यही वजह है कि रायपुर पुलिस ने दोनों भाइयों की सूचना देने वाले को 5,000 रुपये इनाम की घोषणा की है। 

 

 

अदालत का सख्त रुख, संपत्ति कुर्की की प्रक्रिया शुरू

रायपुर सेशन कोर्ट ने दोनों भाइयों की अवैध संपत्तियों को कुर्क करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। अदालत ने रायपुर कलेक्टर को प्रतिवेदन भेजकर चार संपत्तियों की कुर्की की अनुमति दी है। इनमें वीरेंद्र तोमर की तीन और रोहित तोमर की एक प्रॉपर्टी शामिल है। 

 

पुलिस की अब तक की कार्रवाई में तोमर बंधुओं की काली कमाई का बड़ा हिस्सा सामने आ चुका है। इनके पास से करोड़ों की नगदी, कीमती जेवरात, लग्जरी गाड़ियां और अवैध हथियार बरामद हुए हैं: नकद राशि: 35,10,300 रुपये सोने के आभूषण: 734 ग्राम चांदी के आभूषण: 125 ग्राम लग्जरी वाहन: बीएमडब्ल्यू, थार, ब्रेजा इलेक्ट्रॉनिक सामान: लैपटॉप, आइपैड, सीपीयू, डीवीआर, चेकबुक, एटीएम कार्ड, नोट गिनने की मशीन दस्तावेज: जमीन की रजिस्ट्री, ई-स्टांप, लेन-देन का रजिस्टर हथियार: एक रिवॉल्वर, एक पिस्टल, पांच तलवारें, जिंदा और आवाजी कारतूस अपराध की पृष्ठभूमि: ठेले से हवेली तक वीरेंद्र सिंह तोमर की कहानी अपराध जगत में तेजी से उभरने का उदाहरण है।

समता कॉलोनी में 2008 में अंडे का ठेला लगाने वाले वीरेंद्र ने ब्याज पर पैसा देने से आपराधिक सफर की शुरुआत की। शुरुआती दौर में वह 50 हजार से एक लाख तक कर्ज देता और 10 से 15 प्रतिशत तक ब्याज वसूल करता था। जल्द ही यह सूदखोरी एक संगठित धंधे में बदल गई। पैसे न चुकाने वालों पर मारपीट, अपहरण और दबाव डालने की घटनाओं ने उसकी पहचान अपराध जगत में पुख्ता की। इसी धंधे से कमाई गई रकम से उसने भाठागांव में करोड़ों की हवेली बनाई और बीएमडब्ल्यू जैसी लग्जरी गाड़ियां खरीदीं। 

 

 

 5 जून 2025 को पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र में दर्ज मामले के बाद से दोनों भाई फरार हैं। पुलिस ने बताया कि इनकी फरारी के दौरान भी गंभीर अपराध करने की संभावना बनी हुई है। यही वजह है कि रेगुलेशन के पैरा 80-A के तहत कार्रवाई करते हुए इनके खिलाफ इनाम घोषित किया गया है। 

 

रोहित तोमर के खिलाफ दर्ज मामले 2015: महिला ने कर्ज न चुकाने पर अप्राकृतिक कृत्य का मामला दर्ज कराया (पुरानी बस्ती थाना)।

2016: युवक से मारपीट (पुरानी बस्ती थाना)। व्यवसायी को धमकी देकर रंगदारी (कोतवाली थाना)। 2017: महिला से मारपीट और जान से मारने की धमकी (भाठागांव)। 2018: महिला से ब्लैकमेलिंग का केस (पुरानी बस्ती थाना)। 2019: महिला से सूदखोरी और ब्लैकमेलिंग (कोतवाली थाना)। 2019: कारोबारी से ब्लैकमेलिंग और सूदखोरी (कबीर नगर)। अमलीडीह: मारपीट और गाली-गलौज। वीआईपी रोड होटल: पार्टी में जानलेवा हमला।

वीरेंद्र तोमर के खिलाफ दर्ज मामले 2006: व्यापारी पर चाकू से हमला (आजाद चौक थाना)। 2010: व्यापारी से मारपीट और पैसों की जबरन वसूली (गुढ़ियारी)। 2013: हत्या का केस। 2016: मारपीट का मामला (पुरानी बस्ती थाना)। 2017: महिला से मारपीट और जान से मारने की धमकी (भाठागांव)। 2019: धोखाधड़ी और कूटरचना (पुरानी बस्ती थाना)। 2019: व्यापारी से ब्लैकमेलिंग (हलवाई लाइन)। छोटे अपराधों से बड़े गैंग तक दोनों भाइयों ने शुरुआत रेलवे स्टेशन पर पॉकेटमारी और छोटे अपराधों से की। लेकिन धीरे-धीरे सूदखोरी, रंगदारी और अवैध हथियारों के कारोबार से उन्होंने एक बड़ा आपराधिक नेटवर्क खड़ा कर लिया। शहर के विभिन्न हिस्सों में अवैध कब्जे और रंगदारी वसूली के जरिए इनका दबदबा लगातार बढ़ता गया।

आज इनकी गिनती रायपुर के बड़े अपराधियों में होती है। आलिशान कोठियां, महंगी गाड़ियां और करोड़ों की काली कमाई इस बात का सबूत हैं कि अपराध से इन्होंने कितना बड़ा साम्राज्य खड़ा किया। बड़ा सवाल: कानून से इतने समय तक बाहर क्यों? तोमर बंधुओं की आपराधिक पृष्ठभूमि और पुलिस रिकॉर्ड देखकर यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिर इतने वर्षों तक ये कानून की पकड़ से बाहर कैसे रहे? क्या इसके पीछे कुछ रसूखदार लोगों की मेहरबानी और प्रशासनिक लापरवाही जिम्मेदार है? फिलहाल, पुलिस दोनों की गिरफ्तारी के लिए सक्रिय है और अदालतों में संपत्ति कुर्की की कार्रवाई भी तेजी से आगे बढ़ रही है। 19 अगस्त को हाईकोर्ट की सुनवाई पर सभी की निगाहें टिकी हैं।