Big Breaking : ऐतिहासिक महालक्ष्मी मंदिर की दीवार गिरने से मची अफरा- तफरी..यमुना में गिरे कई श्रद्धालु , कई घायल ..रेस्क्यू जारी..पढ़ें पूरी ख़बर

आगरा। आगरा के प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर में एक बड़ा हादसा सामने आया है। यमुना नदी के किनारे स्थित इस ऐतिहासिक मंदिर की दीवार गिर जाने से अफरा-तफरी मच गई। हादसे में कई श्रद्धालु घायल हो गए और कुछ लोग यमुना में गिर गए। मौके पर पुलिस, प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम ने मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। राहत कार्य जारी है और मंदिर को प्रशासन ने अपने नियंत्रण में लेकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल भी मौके पर मौजूद हैं और घटनास्थल का जायजा ले रहे हैं।
कैसे हुआ हादसा?
जानकारी के अनुसार, यह हादसा शाम करीब 7 बजे हुआ। उस समय महालक्ष्मी मंदिर के प्रांगण में 30 से 40 श्रद्धालु मौजूद थे। मंदिर की सीढ़ियों तक यमुना का पानी आ चुका था, जिससे परिसर में अस्थिरता बढ़ गई थी। इसी बीच मंदिर की एक दीवार अचानक भरभराकर गिर गई। दीवार गिरते ही वहाँ खड़े श्रद्धालु असंतुलित होकर गिर पड़े। कई लोग पास में बह रही यमुना में जा गिरे, जबकि कुछ लोग गिरते समय चोटिल हो गए। हादसे के बाद मंदिर परिसर में भगदड़ मच गई। लोग इधर-उधर भागते दिखाई दिए और चीख-पुकार से माहौल डरावना हो गया। पास की दुकानों में भी अफरा-तफरी का माहौल रहा। कई लोग हादसे के बाद घबराकर बाहर निकल आए, जबकि कुछ लोग दीवार के नीचे दब गए।
पुलिस और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
जानकारी के मुताबिक, घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुँचे। DCP सिटी सोनम कुमार ने बताया कि घायल श्रद्धालुओं को तुरंत अस्पताल भेजा गया है और यमुना में गिरने वाले लोगों की तलाश के लिए गोताखोरों को लगाया गया है। पेंड्रा पुलिस, एनडीआरएफ और स्थानीय गोताखोरों की मदद से बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। यमुना में 9 गोताखोर उतारे गए हैं। राहत कार्य को और प्रभावी बनाने के लिए एहतियातन महालक्ष्मी मंदिर को प्रशासन ने अपने नियंत्रण में ले लिया है। मंदिर के गेट बंद कर दिए गए हैं और मीडिया कर्मियों को भी गेट के बाहर ही रोक दिया गया है ताकि रेस्क्यू कार्य में कोई बाधा न आए।
विधायक की मौजूदगी हादसे के समय
वहीं विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल अधिकारियों के साथ बल्केश्वर महादेव मंदिर के सामने बाढ़ के हालात का निरीक्षण कर रहे थे। जैसे ही हादसे की सूचना मिली, वे तुरंत घटनास्थल पर पहुँच गए। उन्होंने मौके पर पुलिस और प्रशासन से जानकारी ली और राहत कार्य में सहयोग प्रदान किया। उन्होंने कहा कि सभी घायलों का इलाज कराया जा रहा है और प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। उन्होंने श्रद्धालुओं से संयम बनाए रखने और अफवाहों से बचने की अपील की।
चश्मदीदों का बयान
ज्ञात हो कि हादसे के चश्मदीद ऋषि अग्रवाल ने बताया कि वे शाम करीब साढ़े छह बजे मंदिर में माता के दर्शन करने जा रहे थे। गेट पर पहुँचते ही उन्होंने देखा कि लोग बाहर की ओर भाग रहे हैं। पूछने पर लोगों ने बताया कि हादसा हो गया है। अंदर पहुँचकर उन्होंने देखा कि तीन लोग खून से लथपथ बाहर भाग रहे हैं। लोगों ने बताया कि मंदिर की दीवार गिर गई है और कई लोग यमुना में गिर गए हैं। हादसे के समय करीब 40 लोग मंदिर परिसर में मौजूद थे।
घायल श्रद्धालु अस्पताल में भर्ती
वहीं अब तक छह लोगों को दीवार के नीचे से निकालकर अस्पताल भेजा गया है। इनमें कई के सिर, हाथ-पैर में गंभीर चोट आई है। डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार शुरू कर दिया है। डीसीपी ने बताया कि सभी घायलों की स्थिति स्थिर है और उनका इलाज किया जा रहा है। कुछ लोगों के मिसिंग होने की खबर भी सामने आई थी, जिन्हें तलाशने के लिए गोताखोरों की टीम लगातार अभियान चला रही है। हालांकि आगरा डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने स्पष्ट किया कि अभी तक किसी के डूबने की पुष्टि नहीं हुई है।
मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
दरअसल आगरा का महालक्ष्मी मंदिर लगभग 118 साल पुराना है। यह मंदिर देवी महालक्ष्मी को समर्पित है और भक्तों के बीच मन्नतें पूरी करने और मनोशांति प्रदान करने के लिए प्रसिद्ध है। नवरात्रि के दौरान यहाँ विशेष आयोजन होते हैं, जिनमें हवन, भंडारे और पूजा-पाठ शामिल हैं। मंदिर का परिसर यमुना नदी के किनारे स्थित है, जिससे प्राकृतिक सुंदरता बढ़ जाती है। लेकिन बाढ़ और बारिश के मौसम में नदी का जल स्तर बढ़ जाने से परिसर में अस्थिरता की समस्या सामने आती रही है। प्रशासन अब इस हादसे के बाद मंदिर परिसर की संरचना की समीक्षा कर रहा है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
प्रशासन का आश्वासन और आगे की योजना
फिलहाल, आगरा डीएम ने कहा कि घटना के बाद मंदिर परिसर की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। एसडीआरएफ की टीम भी सर्च ऑपरेशन में लगी है ताकि किसी भी लापता श्रद्धालु को जल्द से जल्द खोजा जा सके। साथ ही, प्रशासन मंदिर परिसर की संरचना की तकनीकी जांच कराने की योजना बना रहा है। उन्होंने कहा कि हादसे के पीछे किसी प्रकार की लापरवाही सामने आने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।