नितिन राजीव सिन्हा
देश और काल इन दिनों दो धारी तलवार पर चल रहा है एक तरफ़ बेबसी है दूसरी ओर बेफ़िक्री है किसान,मज़दूर,व्यापारी और श्रमजीवी समाज ने पिछले पाँच सालों में अपना सुख चैन खोया है बाज़ार धारासाई हुआ है लेकिन मोदी हैं कि शो मेन बने हुए हैं विदेश में हाउडी मोदी जैसे आयोजन हो रहे हैं माहौल ऐसा बन पड़ा है मानो रॉकस्टार देश चला रहे हैं इसलिये दुनिया में रंगारंग आयोजनों का फलसफ़ा गढ़ रहे हैं..,
आज छत्तीसगढ़ प्रांत के अखबारो के दो समाचार महत्वपूर्ण बने हुए हैं पहला यह कि कोरपोरेट टैक्स घटा,कंपनियों को एक लाख पैंतालीस हज़ार करोड़ की छूट..अख़बार लिखते हैं छटनी रुकेगी,निवेश बढ़ेगी..,यह मोदी सरकार की नीति है जो शेयर मार्केट को गति देगा मतलब “पूँजीवाद की जकड़न कम न होगी,देश पूँजीपतियों के रहमोकरम पर होगा,सरकार उन पर दरियादिली दिखायेगी और वो जनता पर अपनी मनमर्ज़ी थोपेंगे..,
दूसरा समाचार यह है कि रायपुर में २० सितंबर को इंटरनेशनल क्रेता-विक्रेता सम्मेलन की शुरुआत हुई,इसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ के कृषि,उद्यानिकी,वनोपज समेत हैंडलूम,कोसा जैसे नैसर्गिक उत्पादों को विश्वस्तर पर विपणन के मौक़े उपलब्ध कराना है जिस पर लिखना होगा कि “यह किसान और कृषि मज़दूर के उन्नयन की योजना है ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पुख़्ता करने की नीति है..,”
भूपेश सरकार ने किसानो के क़र्ज़माफ़ी किये और धान के समर्थन मूल्य @२५००/-प्रति क्विंटल की,वनोपज के समर्थन मूल्य में वृद्धि किया जिसका प्रतिफल यह प्राप्त हुआ है कि ऑटोमोबाइल सेक्टर देश में जब गिरावट पर है तब छत्तीसगढ़ में इसका मार्केट १५% तक बढ़ा है ऐसा बाज़ार के विश्लेशकों का दावा है..,
दैनिक भास्कर जैसे अख़बार जो विज्ञापनों की दुनिया के सरताज हैं उनकी Corporate tax relaxation पर हेड लाइन है “दे धनाधन..,मतलब अख़बार स्याही की भाषा भूल चुके है मक्खन की चिकनाई को लेखन का माद्दा बना चुके हैं..,
लिखना होगा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार माटी के मोल समझकर क्रिया कर रही है केंद्र की मोदी सरकार पूँजी पीपासुओं के लिए आसमाँ से चाँद तारे तोड़कर ला रही है सेठों को स्वप्नलोक की सैर करवा रही है..,मोदी की सी फ़ितरत और देश की नियति पर लिखना होगा-
मधमय,जीवन
की आस
तुम्हीं हो
कहीं दीवाली
पर ख़ास आफ़र
तुम्हीं हो पर,
देश का
दिवाला
निकालने का
मसला भी
तुम्हीं हो..,