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पैंतीस हजार से अधिक किसानों की फ सलों का हुआ बीमा

कलेक्टर ने की अधिकारियों की तारीफ

कोरबा -  कोरबा जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत चालू खरीफ मौसम में 35 हजार 48 किसानों के फसलों का 145 करोड़ 45 लाख रूपये का बीमा कराया गया है। जिले में इस वर्ष खरीफ मौसम में 43 हजार 274 हेक्टेयर से अधिक रकबे में लगी फसलों का बीमा हुआ है। पिछले वर्ष हुए फसलों के बीमे की तुलना में यह इस वर्ष दुगुना है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने किसानों को प्राकृतिक आपदा से फसल नुकसान पर क्षतिपूर्ति दिलाने पिछले वर्ष से दो गुना अधिक किसानों की फसलों के इस बीमा के लिए कृषि विभाग के मैदानी अमले और अधिकारियों की तारीफ की तथा उनकी हौसल अफजाई की। श्रीमती कौशल ने आज जिला पंचायत के सभाकक्ष में कृषि विभाग के कामकाज की समीक्षा की। उन्होंने मानसून की बारिश और मौसम की वर्तमान परिस्थितियों में खेतों में लगी फसलों की स्थिति की जानकारी अधिकारियों से ली। कलेक्टर ने मैदानी अमले के लिए निर्धारित किये गये लक्ष्यों के अनुसार ही समय पर पूर्ति के निर्देश अधिकारियों को दिये। श्रीमती कौशल ने चालू खरीफ मौसम के प्रारंभिक चरण में कम बारिश के कारण धान की फसल नहीं लगा पाने वाले किसानों को मूंग, उड़द, रामतिल, कुलथी जैसी दलहनी-तिलहनी फसलें लगाने के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए।

      बैठक में उप संचालक कृषि श्री श्यामकुंवर ने बताया कि जिले में अब तक एक लाख 26 हजार 851 हेक्टेयर रकबे में खरीफ की विभिन्न फसलें बोई जा चुकी हैं। 95 हजार 145 हेक्टेयर में धान, एक लाख एक हजार 403 हेक्टेयर रकबे में ज्वार, मक्का, कोदो, कुटकी जैसी अनाज फसलें और पांच हजार 202 हेक्टेयर क्षेत्र में अरहर, मूंग, उड़द, कुलथी जैसी दलहनी फसलें बोई गई है। जिले में एक हजार 889 हेक्टेयर क्षेत्र में तिलहनी फसलें तथा 18 हजार 357 हेक्टेयर में साग-सब्जी तथा अन्य फसलें लगाई गई है। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने करतला एवं कटघोरा विकासखंड में धान के रकबे में हुई कमी के बारे में अधिकारियों से पूछा और इस कमी को वर्तमान परिस्थितियों में दलहनी-तिलहनी फसलें लगाकर पूर्ति करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। 

छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना के तहत संचालित घुरवा उन्नयन कार्यक्रम का गांववार पूरा रिकार्ड रखा जायेगा। समीक्षा बैठक में कलेक्टर श्रीमती कौशल ने इसके लिए गांववार पंजी संधारित करने के निर्देश कृषि विभाग के मैदानी अमले को दिए। उन्होंने इस पंजी में घुरवा उन्नयन के लिए की जाने वाली सभी प्रक्रियाओं का रिकार्ड रखने का निर्देश दिए। घुरवा के भरने से लेकर उसमें डीकम्पोजर ट्राईकोडर्मा वर्डी सूक्ष्म जीवी डालने, घुरवा के परिपच् होने पर बनी खाद की मात्रा, घुरवा की खाद का उपयोग, खाद का विक्रय और खाली हुए घुरवा को पुन: भरने संबंधी सभी जानकारी इस पंजी में संधारित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गये हैं। सुराजी गांव योजना के तहत बनाये गये चारागाहों में पशुओं के लिए पर्याप्त मात्रा में चारा उत्पादन करने चारागाहों की मिट्टी की जांच होगी। कृषि विभाग की समीक्षा बैठक में चारागाहों में चारा उत्पादन को बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा हुई। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने चारागाह की मिट्टी की जांच कर उसमें पोषक तत्वों की उपलब्धता आदि की जानकारी के अनुसार उर्वरकों का उपयोग कर उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने सभी ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में गौठानों के साथ निर्मित चारागाहों का नियमित भ्रमण कर चारा फसल की स्थिति पर लगातार नजर रखने के निर्देश दिए। उन्होंने चारागाह में पानी निकासी के भी समुचित इंतजाम करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने निर्देशित किया कि किसी भी स्थिति में चारा फसलें खराब न हों और उनका उत्पादन भी पर्याप्त मात्रा में हो।

 

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