नितिन राजीव सिन्हा
अंतागढ़ उप चुनाव २०१४ में कांग्रेस प्रत्याशी रहे मंतूराम पवार ने कोर्ट में बयान दे दिया है कि उन्हें भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में नाम वापस लेने के लिये रमन सिंह और अजीत जोगी के बीच हुई ७.५ करोड़ की डील की रक़म का भुगतान पूर्व मंत्री राजेश मूनत के बंगले से हुआ था..,
वहीं उन्होंने ख़ुलासा किया कि कांकेर के तत्कालीन एसपी ने कहा था तुम्हारे साथ भी वही होगा जो तुम्हारे नेताओं के साथ झीरम घाटी में हुआ इसलिए बेहतर है कि तुम अपना नाम वापस ले लो..,
मंतू ने कहा है फ़िरोज़ सिद्दीक़ी और अमीन मेनन नामक दो कथित दलालों ने रमन सिंह से फ़ोन पर उनकी बात करवाई और नाम वापस लेने के क्रम में रमन ने उन्हें अपना आशीर्वाद देने का आश्वासन भी दिया..,
अजीत जोगी पर उनके आरोप हैं कि नाम वापस न लेने पर मृत्यु के वरण के अलावा कोई और रास्ता शेष न होने की समझाईश देने की बात जोगी ने उनसे की थी..,
ध्यान रहे १६४ में मजिस्ट्रेट के सामने मंतूराम का बयान क़लमबद्ध किया गया है जिसमें धन बल,सत्ता बल के द्वारा लोकतंत्र को हासिये पर डालने की बात तो थी ही साथ ही भूपेश बघेल जो तब नये नए अध्यक्ष कांग्रेस बने थे उन्हें विचलित कर कांग्रेस का नेतृत्व रमन सिंह के कथित गुर्गों के हाथों में पहुँचाने की घृणित क़वायद भी थी..,
ख़ैर,जो हुआ उसकी क़ानूनी प्रक्रिया आगे चलेगी लेकिन दो पूर्व मुख्य मंत्री द्वय अजीत जोगी और रमन सिंह को अपने किये पर छत्तीसगढ़ की जनता से माफ़ी माँगनी चाहिये..,इस शर्म की शमाँ पर लिखना होगा कि-
ज़ख़्म हरे
हुए हैं
शर्म से
बाग उजाड़
हुए हैं
लोकतंत्र
शर्मसार हुआ
है,जो पर्दा
अब,बेपर्दा
हुआ है..,