नई दिल्ली से आलोक मोहन
तमाम प्रयासों के बावजूद भी कांग्रेस में कोई ऐसा नेता अभी सामने नहीं आया है जो अध्यक्ष पद की कुर्सी संभाल कर नेहरू गांधी परिवार को चुनौती दे सके
शायद यही वजह है की पार्टी की कमान को लेकर पूरे देश के कांग्रेसियों में उहापोह का माहौल बना हुआ है, असमंजस में पड़ी कॉन्ग्रेस का अगला कदम क्या होगा यह तो समय ही बताएगा लेकिन aajkadinnews.com को मिली जानकारी के मुताबिक 15 अगस्त के बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाई जा सकती है और मतदान के जरिए नए अध्यक्ष की कमान श्रीमती प्रियंका गांधी को सौंपी जा सकती है, राजनीतिक हलकों में यह कयास लगाया जा रहा है की अगर वास्तव में भाजपा को आने वाले विभिन्न चुनावों में चुनौती देना है तो पार्टी का जो भी अगला अध्यक्ष हो वह ना केवल मजबूत हो बल्कि उसकी वैचारिक प्रतिबद्धता भी कायम रह सके. प्रियंका गांधी को अध्यक्ष बनाने को लेकर कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता भी अपनी आवाज बुलंद करने लगे हैं. केरल के सांसद शशि थरूर के अलावा कई ऐसे बड़े नेता हैं जिनकी मंशा है कि राहुल गांधी के इस्तीफा देने के बाद प्रियंका गांधी को ही कमान सौंपी जाए इसकी वजह यह भी है कि जिस तरह से सोनिया गांधी के नेतृत्व में कई बड़े नेता काम करने को तैयार हुए थे ठीक उसी तर्ज पर वर्तमान में भी कई बड़े ऐसे नेता हैं जो प्रियंका गांधी के नेतृत्व में काम करने को तैयार हैं. मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में कई बड़े ऐसे नेता हैं जो कई महीनों से प्रियंका गांधी के सलाह मशविरा पर ही काम कर रहे हैं चाहे वह हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव का टिकट वितरण मामला रहा हो या फिर संगठन में तब्दीली करने का मामला, परदे के पीछे प्रियंका गांधी की अहम भूमिका रही है लेकिन अब वे खुले तौर पर राजनीति में आ गई है तथा उत्तर प्रदेश जैसे बड़े सूबे में भाजपा को चुनौती देने को तैयार हैं सोनभद्र की घटना को उसी परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए इस बाबत कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का aajkadinnews.com से कहना है कि राहुल गांधी के बाद पूरे देश और पार्टी में जो हालात हैं उसे गांधी परिवार का ही सदस्य संभाल सकता है इसलिए बेहतर होगा बिना किसी ना नुकुर के प्रियंका गांधी को मनाकर उनको कांग्रेस का कमान सौंप दी जाए, खासकर के आने वाले विधानसभा चुनाव में प्रियंका गांधी का भरपूर फायदा उठाया जाए तथा निवर्तमान अध्यक्ष राहुल गांधी को लोकसभा में पार्टी की तरफ से अहम भूमिका दी जाए जिससे पार्टी और संगठन में संतुलन बना रहे अब देखना यह है कि कांग्रेस प्रियंका गांधी के बाहर किसी और को अध्यक्ष बना पाती है कि नहीं, इस पर संशय है इसकी वजह साफ है। कांग्रेसियों की नजर में प्रियंका की जो कार्यशैली है वह उनकी दादी इंदिरा गांधी की ही तरह है इसलिए कांग्रेस प्रियंका गांधी और इंदिरा गांधी के आकर्षक व्यक्तित्व को भुनाना चाहती है .
शायद इस बात का एहसास भाजपा समेत कई विपक्षी पार्टियों को भी हो चुका है। सोनभद्र की घटना में जिस तरह से प्रियंका गांधी ने बढ़-चढ़कर के अपनी भूमिका अदा की है उसे भाजपा के अलावा सपा और बसपा में भी बेचैनी बढ़ गई है क्योंकि सपा और बसपा को लगता है की प्रियंका की चौधराहट के आगे सपा और बसपा का वोटर फिर से कांग्रेस के पाले में चला जाएगा।