जशपुर-मंगलवार को ग्राम झरगांव में भारी संख्या में ग्रामीण एकत्रित हो राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में लगे शिवालया कंस्ट्रक्शन कंपनी के विरुद्ध लामबंद हुवे।ग्रामीणों द्वारा धरनाप्रदर्शन कर नाराजगी व्यक्त किया गया वहीँ शिवालया कंपनी के खिलाफ कार्यवाही व उच्चस्तरीय जांच का मांग करते हुवे प्रशासन को 7 दिन का अल्टीमेटम तक दिया गया है,ग्रामीणों के अनुसार यदि 7 दिन के अंदर उनकी मांगें पूरी नहीं होती है तो वे मजबूर होकर चक्का जाम करेंगे।
विदित हो की ग्राम झरगांव के ग्रामीण मंगलवार को एकजुट हो शिवालया कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिए।ग्रामीणों के अनुसार शिवालया कंपनी के द्वारा जो क्रेशर उनके ग्राम में लगाया गया है उससे समूचा क्षेत्रवासी परेशान है।
इस समय बच्चों का परीक्षा चल रहा है और क्रेशर के आवाज से बच्चों के पढ़ाई में असर पड़ रहा है,वही क्रेसर से निलने वाला डस्ट का लोगों के स्वास्थ पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है,इस कारण जनहित को देखते हुवे इसको हटाया जाना अति आवश्यक है।
ग्रामीणों ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के कारण लोगों का जमीन अधिग्रहण भी हुवा है जिसका मुआवजा उन्हें अभी तक अप्राप्त है,ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में भी मुआवजा का मांग उनके द्वारा किया गया लेकिन कंपनी के लोगों से सांठगांठ कर चंद लोगों का ही जमीन नाप मुआवजा के लिए निर्धारित किया गया जबकि राजमार्ग में प्रभावित कई लोग हैं,ग्रामीणों ने मुआवजा का मांग भी किया है।
आक्रोशित ग्रामीणों ने बताया की राजमार्ग के कार्य में लगे कंपनी के द्वारा गुणवत्ताविहीन कार्य किया जा रहा है,राजमार्ग के निर्माण में इतनी ज्यादा कोताही बरती जा रही है कि सड़क चंद दिनों में ही जर्जर हो सकता है।ग्रामीणों ने बताया कि सड़क के निर्माण के बाद इसमें न तो उचित पानी पटाया जा रहा है और न ही मापदंड के अनुसार सामग्री उपयोग हो रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि उक्त सड़क निर्माण में कंपनी के द्वारा भारी मात्रा में जगह जगह अवैध रूप से बालू का उत्खनन कर अवैध भंडारण भी किया गया है जो जांच का विषय है,इस कार्य में न सिर्फ प्रशासन के रॉयल्टी का चोरी हुवा है बल्कि नियमों को तांक में रखकर जमकर भ्रस्टाचार भी हुवा है जिसमें प्रसाशनिक अधिकारियों के भी मिले होने की संभावना व्यक्त किया जा रहा है।
ग्रामिणों ने बताया कि नियमतः कंपनी को बालू उत्खनन का अनुमति प्रशासन ने नहीं दिया है और न ही पोकलेन के द्वारा बालू निकाले जाने का प्रावधान है लेकिन कंनी के द्वारा दोनों कार्य खनिज विभाग के सांठ गाँठ से खुले आम किया गया है,जिस पर उच्चस्तरीय जांच के साथ साथ कठोर कार्यवाई किया जाना चाहिए।ग्रामीणों ने बताया कि नियमतः जिस भी कंपनी को बालू उत्खनन का कार्य मिलता है उसको जिस क्षेत्र से बालू निकालना है वहाँ के स्थानीय श्रमिकों के माध्यम से ही निकालने का प्रावधान होता है जिसे यहाँ शिवालया कंपनी के द्वारा दरकिनार कर पोकलेन,जेसीबी व डंफर से बालू निकालने का कार्य किया गया है जो नियमविरुद्ध है।
ग्रामीणों ने बताया कि जिला में शिवालया कंपनी को काइकछार व मयाली में ही गिट्टी उत्खनन का अनुमति है जिसमें भी भारी अनियमितता बरतते हुवे कंपनी के द्वारा मिले।अनुमति से कई गुना ज्यादा मात्रा में गिट्टी का खनन कर प्रशासन के आँखों में धूल झोंकने का कार्य किया गया है,जिस पर जांच व कार्यवाही का मांग ग्रामीणोंने किया है।
ग्रामीणों ने इन सभी मांगों का उच्चस्तरीय जांच 7 दिवस के अंदर किये जाने का मांग करते हुवे प्रशासन को अल्टीमेटम दिया है कि यदि 7 दिवस के भीतर उनकी मांगें पूरी नहीं होती है तो वे आठवें दिन स्वतः ही राष्ट्रीय राजमार्ग में चक्काजाम करने को मजबूर होंगे।उनके इस आंदोलन में जिले भर के लोगों का समर्थन का मांग उनके द्वारा किया जाएगा।उक्त चक्काजाम को बहुत ही वृहत पैमाने में करने का रणनीति भी तैयार किया जाएगा।
ग्रामीणों के द्वारा जशपुर एसडीएम कोज्ञापन सौंपकर मांगों को पूरा करने का बात कहा गया है।ग्रामीणों की मांग पर जशपुर एसडीएम ने ग्रामीणों को आस्वासन दिया है कि वे ग्रामीणों की मांगों को पूरा कराने का अपनी तरफ से पूरी कोशिश करेंगे।