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सर्वदलीय बैठक से विपक्ष का किनारा, ममता समेत कई नेता नहीं होंगे शामिल, मोदी ने बुलाई है यह बैठक

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुधवार को सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों की बैठक बुलाई गई है। लेकिन समस्या यह है कि अब कई राजनीतिक दलों के नेता इस बैठक से किनारा कर रहे हैं। पहले तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममती बनर्जी ने इस बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया था और अब अन्य नेता जैसे बीएसपी सुप्रीमो मायावती, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू और डीएमके अध्यक्ष एम. के. स्टालिन ने भी बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया है।

ममता ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर श्वेत पत्र तैयार करने को कहा

ममता बनर्जी ने संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी को मंगलवार को पत्र लिखकर सरकार को सलाह दी कि वह ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर ‘जल्दबाजी’ में फैसला करने के बजाए इस पर एक श्वेत पत्र तैयार करे। मोदी ने उन सभी दलों के प्रमुखों को 19 जून को बैठक के लिए आमंत्रित किया है जिनके लोकसभा या राज्यसभा में सदस्य हैं। इस बैठक में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के विचार, 2022 में आजादी के 75वें वर्ष के जश्न, महात्मा गांधी के इस साल 150वें जयंती वर्ष को मनाने समेत कई मामलों पर चर्चा की जाएगी।

किसकी क्या दलील

मायावती ने बैठक में शामिल न होने की जानकारी देते हुए कहा कि, ‘किसी भी लोकतांत्रिक देश में चुनाव कभी कोई समस्या नहीं हो सकती है और न ही चुनाव को कभी धन के व्यय-अपव्यय से तौलना उचित है। देश में ‘एक देश, एक चुनाव’ की बात वास्तव में गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, बढ़ती हिंसा जैसी ज्वलंत राष्ट्रीय समस्याओं से ध्यान बांटने का प्रयास व छलावा मात्र है।’

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इस बैठक में शामिल नहीं होंगे। उनकी जगह राघव चड्ढा पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगे। चंद्रबाबू नायडू ने भी बैठक में शामिल न होने का फैसला किया है। उनकी जगह बैठक में जयदेव गल्ला पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगे। डीएमके के चीफ स्टालिन भी बैठक में शामिल होने से इनकार कर चुके हैं। इसके अलावा अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बैठक में आने को लेकर भी संशय कायम है।

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