सुधीर चौहान की रिपोर्ट
बस्तर जिला में भूमकाल सप्ताह के अवसर पर ग्राम पंचायत रान सरगीपाल के कोदई माता की सेवा अर्जी तद्पश्चात 1910 के भूमकाल पर वीर योद्धा शहीद हरचंद नाईक की याद में शिलान्यास छाया पटल पर पुष्पों माला अर्पित कर 110 स्मृति दिवस बनाया गया। इस भूमकाल स्मृति दिवस पर सर्व प्रथम समाज प्रमुखों को सफेद पगड़ी के साथ महुआ के फूलों के साथ स्वागत किया गया । इस दौरान शहीद वीर हरचंद नाईक के प्रतिमा स्थापित कर माल्यापर्ण नेग -नियम चौक रान सर्गीपाल चौक में स्थापित किया गया। इस दौरान युवा प्रभाग अध्यक्ष संतु मौर्य ने कहा कि हरचंद नाईक को नमन करते हुए युवा पीढ़ी को शिक्षा पर विशेष ध्यान रखना चाहिए । आदिवासी समाज के वीर गुंडाधुर जैसे बस्तर में पैदा करने के जुरत पड़ सकता है। इस लिए बस्तर में पाँचवी अनुसूचित क्षेत्र को कैसे मजबूत किया । रीति रिवाज को कैसे बचाया जाए । रूकमणि कर्मा ने कहा कि पाँचवी अनुसूचित क्षेत्र में बहारी लोगों ज्यादा तर लोग आक्रमण किया जा रहा है। रान सर्गीपाल के सरपंच पिताम्बर कश्यप ने भूमकाल 1910 के में कैसे वीर योद्धा गुंडाधुर के साथ अनेक लोग शहीद के ने बस्तर के माँ - बेटी से इज्जत लूटा जा रहा था और अंगेजो द्वारा बस्तर के जल ,जंगल ,जमीन से बे दखल किया जा रहा था। इस कारण बस्तर के वीर शहीद पैदा हुए। अब फिर एक बार बस्तर क्षेत्र में पांचवी अनुसुची के लिए लिए एक बार और भूमकाल की आवाह्न करने की जरूत है । इस दौरान जयदेव धुर, शिताराम नाईक, प्रकाश ठाकुर, लोकनाथ नाग, रूकमनी कर्मा, कल्पना नाग, सोमारू कोशिक, गंगा बघेल, शोभा राम चालाकी , सोनसारी बघेल , नरेंद्र कर्मा, पूरन सिंह कश्यप , निलाधर कश्यप चेरगु राम नाग, शोभाराम नायक , सोनाराम ,गंगाराम नाग आदि समाज प्रमुख उपस्थित थे।