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शपथ ग्रहण समारोह के पहले ही पंच सरपंचों के निर्वाचित पत्नियों के पतिदेव देवों ने पंचायती राज अधिनियम का किया घोर उल्लंघन? ऐसे चल रहा है पंचायती राज -- चुनी गई हैं महिलाएं, लेकिन नाम पति का, प्रशासन मौन

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किसान सभा ने कहा -- जांच हो, जिम्मेदारों पर हो कार्यवाही

पंचायतों के चुनाव के बाद आज हुए पंच-सरपंचों के प्रथम सम्मेलन और शपथ ग्रहण समारोहों की किस तरह मखौल उड़ाया गया है, उसका एक उदाहरण छत्तीसगढ़ किसान सभा ने सामने रखा है, जो प्रदेश स्तर पर कार्यरत एक प्रमुख किसान संगठन है।

बिलासपुर जिले के कोटा विकासखंड में एक ग्राम पंचायत है मेलनाडीह। यहां सरपंच का पद महिला के लिए आरक्षित था और श्रीमती लक्ष्मीबाई जगत यहां की सरपंच निर्वाचित हुई हैं। इसी प्रकार जिला पंचायत का क्षेत्र क्र. 1 महिला आरक्षित था और श्रीमती स्मृति श्रीवास इस क्षेत्र की प्रतिनिधि चुनी गई हैं। लेकिन शपथ ग्रहण समारोह के निमंत्रण पत्र पर निर्वाचित प्रतिनिधियों के नामों की जगह उनके पतियों -- क्रमशः मनीराम जगत और त्रिलोक श्रीवास -- के नाम छापे गए हैं। 

छतीसगढ़ किसान सभा ने इसे पंचायती राज कानून का घोर उल्लंघन बताया है और इसके लिए जिम्मेदार पंचायत अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग की है। किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष राकेश सिंह चौहान ने कहा है कि यह सरासर ग्राम पंचायतों में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के अधिकारों का हनन है और उनकी जगह उनके पतियों को गैर-कानूनी तरीके से उनके अधिकारों के इस्तेमाल को बढ़ावा देता है। इन सब मामलों में प्रशासन के अधिकारियों का कर्तव्य बनता है कि वे महिला जनप्रतिनिधियों के अधिकारों की रक्षा करें, लेकिन इसके बजाय वे मौन हैं और उनके पतियों को भ्रष्टाचार और आर्थिक अनियमितताओं के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं।

किसान सभा नेता चौहान ने इस मामले की जांच करने और इसके लिए जिम्मेदार पंचायत अधिकारियों पैट कार्यवाही करने की मांग की है।

 

 

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