ऋषि थवाईत(प्रतिनिधि)
जशपुर -बीते रात की बात है करीब 2.30 बजे अचानक तबियत ख़राब पेट में दर्द होने से पुत्र ने अपने पिता को जिला चिकित्सालय जशपुर ले गया था , जहां मौजूदा रात्रि ड्यूटी में लगे डॉक्टर श्री नरेन्द्र राम को उठाया गया, जिन्होंने पर्ची बनवाने को कहाँ ओर ओपीडी से पर्ची बनवाया गया। तब तक ड्यूटी में उपस्थित नर्स ने मरीज़ का बीपी वगैरह चेक कर लिया था डॉक्टर अपने विश्राम कक्ष में ही सोए हुए थे। उनसे दुबारा मिलने पर पर्ची लेके आओ बोले तो पर्ची लेके गए जहाँ डॉक्टर विश्राम कक्ष में ही मरीज़ को बिना चेक किये ही इंजेक्शन और दवाई लिख दिया गया।
जबकि मरीज़ के साथ उसी अस्पताल के स्टाफ भी थे उसके बाबजूद डॉक्टर द्वारा मरीज़ की गंभीरता को जाने बिना, बिना चेक किये ही दुर्भावना पूर्वक दवाई लिखना घोर लापरवाही को दर्शाता है।
जब एक ही स्टाफ के कर्मचारी के साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है तो आम मरीज उनसे कैसे अच्छी ईलाज़ की उम्मीद कर सकता है।