भरत शर्मा की रिपोर्ट
आज का दिन न्यूज पोर्टल रतलाम: रतलाम सोने, साड़ी और सेव के लिए प्रसिद्ध है। अब जल्द ही शिक्षा में नवाचार के लिए जाना जाएगा। एक ऐसी पहल के लिए पहचान बनाएगा, जो रतलाम को देश के बड़े शहरों की श्रेणी में शामिल करेगा। यह नवाचार यहां बेला मेंटे स्कूल की स्थापना के साथ शुरू होने जा रहा है। 20 जनवरी सोमवार इसकी शुरूआत रतलाम में हो गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डीआईजी रतलाम रेंज गौरव राजपूत, पूर्व महापौर पारस सकलेचा थे।
कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों नें मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप-प्रज्जवलन किया। अतिथियों का स्वागत स्कूल के डायरेक्टर्स डॉ. अजय शर्मा, डॉ. सौरभ माहेश्वरी, बिकास पाण्डे, विजय शर्मा व नाथूलाल शर्मा, अजय शर्मा, प्रीति उपाध्याय ने किया।
इस अवसर पर डीआईजी राजपूत ने कहा कि जब तक व्यक्ति का अध्ययन, संस्कृति व मूल्यों से जूड़ाव नहीं होगा, जब तक सुसंस्कृत पढ़े-लिखे समाज की परिकल्पना नहीं की जा सकती है। ऐसी स्थित में अच्छे स्कूल ही हमें दिशा प्रदान करते हैैं, जो आने वाली नई पीढ़ी को एक नई दिशा प्रदान करेगी। अच्छे स्कूल आत्म उत्थान के साथ-साथ समाज के उत्थान में अपनी भागीदारी प्रदान करते हैैं।
पूर्व महापौर पारस सकलेचा ने कहा कि बच्चों को वैदिक पद्धति से शिक्षा देना चाहिए, जिससे हमारी पुरातन संस्कृति का फिर से प्रार्दूभाव हो सकें तथा नई पीढ़ी एक सुसंस्कृत नागरिक बन सकें।
डायरेक्टर डॉ. अजय शर्मा ने कहा कि बेला मेंटे प्रारंभिक शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐसा नवाचार है, जो कि शिक्षा पद्धति में बड़ा बदलाव सिद्ध होगा। मेला मेंटे की शिक्षा पद्धति हमारी प्राचीन परंपराओं से जुड़ी है। भारत विश्व गुरू रहा है और यहां की गुरूकुल शिक्षा पद्धति के लिए विदेशों तक से शिक्षा लेने के लिए विद्यार्थी आते थे। वेदों में इस भारतीय शिक्षा का आधार वर्णित है। इसी शिक्षा पद्धति पर अध्ययन कर इसमें आधुनिकता लाते हुए बेला मेंटे समूह द्वारा यह नवाचार किया गया है। इसके तहत वेदों के आधार पर प्रारंभिक शिक्षा दी जा रही है। वेेदों के आधार पर तैयार की गई इस शिक्षा पद्धति का स्कूल बेला मेंटे में विश्व स्तरीय सुविधाएं होगी। अत्याधुनिक उपकरणों के साथ विद्यार्थियों की शिक्षा को आकर्षक बनाने का प्रयास किया गया है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डायरेक्टर डॉ. सौरभ माहेश्वरी ने कहा कि बेला मेंटे स्कूल शहर के बीचोंबीच स्थित है। रतलाम में इस शुरूआत के साथ ही मानव जीवन में वेदों के महत्व को सार्थक करने का प्रयास किया जा रहा है। एक ऐसा स्कूल स्थापित किया जा रहा है, जो कि विद्यार्थियों को उत्साहित करेगा। कुछ नया करने के लिए, खुद को खोजने और ज्यादा से ज्यादा सिखने के लिए। हमारा उद्देश्य बच्चों की मानसिक क्षमताओं का विकास करना है, इसके लिए विद्यार्थियों को समझाते हुए अध्ययन करवाया जाएगा।
कार्यक्रम में डायरेक्टर बिकास पाण्डे ने कहा कि बेला मेंटे एक्सपर्टस की टीम विद्यार्थियों को गलतियों से सीखना सिखाती है। गलतियां बताई जाती है और उन गलतियों को विद्यार्थी स्वयं दूर करते है। विद्यार्थियों के साथ-साथ अभिभावकों का मार्गदर्शन भी हमारे लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि अभिभावक पहले गुरू होते है। अभिभावकों से बातचीत करके ही विद्यार्थियों के अनुसार बेला मेंटे की पॉलिसी और शिक्षा पद्धति में बदलाव किया जाता है।
इस अवसर पर मौजूद विद्यालय संचालक विजय शर्मा ने कहा कि जब नींव मजबूत होगी, तभी बच्चों का भविष्य मजबूत होगा। हम अच्छा और बेहतर बचपन देने के लिए यह शुरूआत करने जा रहे है, इसके साथ ही रतलाम शहर में अच्छे प्री-स्कूल की कमी सी थी, जो कि अब पूरी होने जा रही है, ताकि दूसरे शहरों पर निर्भर नहीं रहना पड़े। कार्यक्रम का संचालन प्रीति उपाध्याय ने व आभार विजय शर्मा ने माना।