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पटना: ये है बिहार,बायां हाथ की जगह दाएं हाथ में प्लास्टर चढ़ाया डॉक्टरों ने, खस्ताहाल स्वास्थ्य व्यवस्था है बिहार में..

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"पटना से मनोज कुमार"

बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था आज की तारीख में कितनी खस्ताहाल है, इसका अंदाजा तो मुजफ्फरपुर समेत 20 जिलों में फैले चमकी बुखार के कहर से ही लोगों को हो गया था. लेकिन बीते दिनों दरभंगा में एक बच्चे की हाथ की हड्डी टूटने और इसके इलाज में डॉक्टरों की लापरवाही ने, स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था की कलई खोलकर रख दी है. दरअसल, बिहार के दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (DMCH) में मंगलवार को डॉक्टरों की लापरवाही का अनोखा उदाहरण देखने को मिला. एक बच्चे की हाथ की हड्डी टूटने पर इलाज के लिए उसके परिजन उसे डीएमसीएच लाए. बच्चे के बाएं हाथ की हड्डी टूटी थी, लेकिन डीएमसीएच के हड्डी रोग विभाग के डॉक्टरों ने दाएं हाथ में प्लास्टर चढ़ा दिया. परिजनों ने जब इस कारस्तानी पर हंगामा मचाया, तो खबर फैली. मामला आगे बढ़ा तो आनन-फानन में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने डीएमसीएच को जांच के आदेश दिए और बच्चे का समुचित इलाज करने को कहा.
दरभंगा से छपने वाले हिंदी अखबार हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक, हनुमाननगर के रहने वाले 7 वर्षीय फैजान को बाएं हाथ में चोट लगी थी. नजदीकी अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उसे डीएमसीएच रेफर किया गया. फैजान के पिता मो. शहजाद ने अखबार को बताया कि अस्पताल में प्लास्टर चढ़ाने के बाद वे लौटकर घर पहुंचे. घर पर जब मां ने बेटे का बायां हाथ पकड़ा, तो वह चिल्लाने लगा. तब परिजनों को पता चला कि डीएमसीएच में बाएं हाथ की जगह, दाएं हाथ में प्लास्टर चढ़ा दिया गया है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, परिजनों का आरोप है कि डीएमसीएच में उन्हें न तो दवा दी गई और न ही प्लास्टर के लिए जरूरी सामान. फैजान के हाथ में प्लास्टर के लिए लगने वाला सारा सामान उन्हें बाहर से खरीदकर लाना पड़ा. फैजान की मां ने कहा कि बच्चे का दर्द कम करने के लिए उन लोगों को अस्पताल की तरफ से एक टैबलेट तक नहीं दिया गया.

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