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बेटियों के सपने बदले हैं बड़ी होकर बलात्कारियों से बच गईं तो,नये सपने बुनेंगी वहीं”किसान के गले की ताबीज़ बनीं छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार की धान ख़रीदी योजना..,”

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नितिन राजीव सिन्हा

देश दो काल और दो खंड में विभाजित हुआ है उत्तर प्रदेश के उन्नाव के बाद फ़तेहपुर जिले के हुसैनगंज थाने के एक गाँव में बलात्कार करने के बाद १५ साल की किशोरी को केरोसिन डालकर आग के हवाले कर दिया गया,उत्तर प्रदेश और देश इन दिनों रेप केपीटल बना हुआ है ९० के दशक के शुरुआती सालों में केंद्र सरकार के साक्षरता अभियान के उद्देश्य पूर्ण नारों में लिखा जाता था “कमला पढ़ेगी,विकास गढ़ेगी..,”

मतलब कमला तब विकास का पर्याय थी अब,वह योगी मोदी राज में होलिका का अभिप्राय बन गई है उसके सपने टूट रहे हैं उसके इरादे बदल रहे हैं बलात्कार फिर हत्या इन समाचारों की बाढ़ आई हुई है ठीक है जब देश बदल रहा है तो,परिवेश भी बदल रहे हैं..,

दूसरी बात यह कि छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार के एक साल पूरे हुए हैं इस बीच कोई,किसान क़र्ज़ के बोझ तले दब कर आत्महत्या नहीं किया है जबकि रमन सरकार के कार्यकाल में क़रीब १४०० क़र्ज़ तले दबे हुए किसानों के आत्महत्या के मामले उजागर हुए थे लेकिन सरकार बदलते ही किसानों के सारे क़र्ज़ कांग्रेस सरकार ने माफ़ कर दिये..,

दिल्ली में कल भारत बचाओ रैली में भूपेश बघेल ने सीना ठोंक कर कहा कि उनकी सरकार में किसान आत्महत्या के मामले ख़त्म हुए हैं वहीं प्रियंका गांधी ने बलात्कार पीड़ित युवती के क़िस्से मंच से साझा किये तो,इसका खंडन होने से पहले ही प्रधान सेवक के पाँव लड़खड़ा गये वे मुँह के बल गिर पड़े,देश ने सत्तर सालों में पहली बार अपने प्रधान सेवक की पीठ देखी है न किसान के सवाल के जवाब साहब के पास हैं और नहीं महिला सुरक्षा पर लोगों की आँखों में आँखें डालने के साहस शेष दिखाई पड़ रहे हैं..,जिस पर लिखना होगा कि-

मुँह आपको

दिखा नहीं 

सकता है

शर्म से

इस वास्ते

पीठ इधर

है आफ़ताब की..,

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