संगीत केवल एक दिवसीय नहीं,पूर्णकालिक है ,शाश्वत है ,अनश्वर है ।प्रकृति के हर रुप मे संगीत है ,हर रंग मे संगीत है ।समय के हर प्रहर मे संगीत की राग रागिनियां है ।बादलों से बरसती बूंदों मे ,आसमान मे उड़ते पंछियों की चहचहाहट मे, बहती हुई नदियों की कलकल ध्वनि मे ,पहाड़ों से निकलते झरनों मे,वृक्षों के पत्तों की सरसराहट मे आप संगीत सुन सकते हैं ।कोयल की मीठी कूक मे ,बच्चों की निश्छल हंसी मे खुशियों की खिलखिलाहट ,दुख के क्रंदन मेसभी मे आप संगीत महसूस कर सकते हैं ।ईश्वर को ,जीवन के आनंद को प्राप्त करने का सबसे अच्छा माध्यम संगीत है ।मेरे घर मे छोटा सा मंदिर है।मैं जब भी वहाँ बैठकर गाती हूँ तो मुझे अलौकिक आनंद की प्राप्ति होती है अनुभूति होती है।अपने खुद से मिलने का सबसे अच्छा माध्यम संगीत है।संगीत रोम रोम खोल देता है ।शिराओं ,धमनियों में बहने लगती हैं संगीत की स्वर लहरियाँ और आत्मा का परमात्मा से मिलन कराता है संगीत ।