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नगरीय निकाय चुनाव-जशपुर में भाजपा का तो वहीँ कोतबा में कांग्रेस का रहेगा पलड़ा भारी ,,कुनकुरी, बगीचा व पत्थलगांव में कांटेदार मुकाबला होने का आसार

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जशपुर-नगरीय निकाय चुनाव को लेकर सभी राजनितिक दल इन दिनों सक्रीय हो गए हैं,सभी दलों के द्वारा वार्डों में प्रत्यासियों का चयन कर लिया गया है,जिसका ओपचारिक घोषणा किया जाना शेष है,इस बार के चुनाव में जनता का मूड जिला में मिलाजुला नजर आ रहा है।लोगों से मिले रुझान के अनुसार जशपुर नगरपालिका क्षेत्र में भाजपा का तो वहीँ कोतबा नगरपंचायत क्षेत्र में कांग्रेस का पलड़ा भारी है।वहीँ कुनकुरी,बगीचा व पत्थलगांव नगरपंचायत की बात करें तो यहाँ कांटेदार मुकाबला होने का आसार है।

विदित हो की पिछले नगरीय निकाय चुनाव में हार का सामना करने के बाद फिर से गढ़ बनाने में भाजपा यहाँ अपना पूरा ताकत झोंक रही है।सूत्र बताते हैं कि इस बार यहाँ का कमान जशपुर पैलेश से होने के कारण पैलेश समर्थक व कट्टर भाजपाई ही प्रत्यासी के रूप में सामने आ रहे हैं,इन प्रत्यासियों के नामों पर पार्टी के द्वारा वार्डवासियों से मूड जानने का प्रयास भी किया गया है जिसके बाद जितने वाले प्रत्यासियों का नाम तय कर लिया गया है।जिनका ओपचारिक घोषणा मात्र बचा है।वहीँ कांग्रेस इस बार सत्ता में भी है और यहाँ उत्कृष्ट कार्य के बलबूते फिर से कुर्सी हथियाने की कोशिश कर रहे हैं।लेकिन कांग्रेस के पास नगर के सभी वार्डों में बड़ा नाम नहीं होने का कारण अभी भी बैकफुट पर है।वहीँ कुछ वार्डों में कांग्रेस के पास दमदार प्रत्यासी भी हैं जहाँ भाजपा को पसीना छूट सकता है।लेकिन पुरे नगरपालिका क्षेत्र की बात किया जाये तो यहाँ भाजपा का पलड़ा भारी है।

इसी प्रकार कोतबा नगरपंचायत क्षेत्र में कांग्रेस पूरी ताकत झोंक रही है,यहाँ भाजपा में अंतर्कलह का सीधा सीधा लाभ कांग्रेस को होते आया है,पिछले चुनाव में भी इस वजह से ही कांग्रेस ने यहाँ जीत दर्ज किया था और इस बार भी होने के आसार दिख रहे हैं जिसके आधार पर कांग्रेस की स्थिति यहाँ अच्छी मानी जा रही है।

पत्थलगांव नगरपंचायत की बात किया जाये तो यहाँ भाजपा और कांग्रेस के मध्य कांटेदार मुकाबला होने का आसार है।पिछले चुनाव में यहाँ कांग्रेस का दबदबा था वहीँ इस बार भी स्थिति इनके अनुकूल दिख रहा है।राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त कांग्रेस के विधायक रामपुकार सिंह के गृह नगर होने का फायदा कांग्रेस को यहाँ मजबूती भी प्रदान करता है। वहीँ भाजपा में अंतर्कलह भाजपा के लिए यहाँ चिंता का सबब बना हुआ है।हालांकि भाजपा इस बार अपने पुराने कार्यकर्ताओं को तवज्जु दे संगठन को मजबूती प्रदान करने में जुटी है ऐसे में अगर संगठन पुनः एकजुटता के साथ चुनावी रणभूमि में आता है तो जीत तय है,इस आधार पर यहाँ राजनीति के विशेषज्ञ कांटेदार मुकाबला का होने का आसार लगा रहे हैं।

बगीचा नगरपंचायत क्षेत्र में भाजपा व कांग्रेस दोनों मजबूत स्थिति में है,लेकिन भाजपा के लिए यहाँ बीते कुछ दिनों से खबर सही नहीं आ रही है।संगठन से नाराज चल रहे युद्धवीर सिंह जूदेव के खेमा में होने के कारण यहाँ के कई भाजपाई कार्यकर्ता व पदाधिकारी संगठन से नाराज भी हैं जिसका खासा असर चुनाव में देखने को भी मिल सकता है यही वजह रहेगा।जबकि कांग्रेस की कमान यहाँ जमीनी स्तर के सक्रिय व धुरंधर राजनीतिज्ञ प्रमोद गुप्ता के हाथ में हैं जिसके कुशल राजनीति व साफ़ सुथरा छवि के कारण कांग्रेस को यहाँ मजबूती मिली है।यहाँ की स्थिति को देख राजनीति के जानकार यहाँ कांटेदार मुकाबला का अनुमान लगा रहे हैं।

इसी प्रकार कुनकुरी नगरपंचायत की बात किया जाये तो यहाँ भाजपा व कांग्रेस दोनों मजबूत स्थिति में हैं।यहाँ भाजपा के लिए परेशानी का कारण पार्टी में गुटबाजी बन सकता है वहीँ सूत्र बताते हैं कि प्रत्यासी चयन में चेहरा देख कर अपने समर्थकों को टिकट वितरण करने की रणनीति से पार्टी को काफी नुकसान हो सकता है।इस वजह से कई कार्यकर्ता पार्टी से बगावत भी कर सकते हैं या चुनाव में निष्क्रिय भी हो सकते हैं।वहीँ कांग्रेस की बात किया जाये तो यहाँ कांग्रेस की स्थिति सही है लेकिन कांग्रेस में एक खेमा इन दिनों अपने समर्थकों को टिकट दिलाने में पूरी ताकत झोंक रहा है,और टिकट फायनल न होने की दशा में भितरघात की भी आशंका बनी हुवी है।इस गुटबाजी के कारण कांग्रेस को यहाँ थोड़ा नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।हालांकि स्थानीय विधायक के कार्यप्रणाली से माहौल कांग्रेसमय हो गया है।वहीँ भाजपा भी अपनी सीट बचाने पूरी ताकत झोंक रही है और अपने पुराने व जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को सामने ला चुनावी शंखनाद कर चुकी है।राजनीति के विशेषज्ञ यहाँ कांटेदार मुकाबले का अनुमान लगा रहे हैं।

ज्ञात हो की जशपुर भाजपा का गढ़ रहा है लेकिन पिछले चुनाव में यहाँ कांग्रेस के हिरुराम निकुंज ने किला ध्वस्त करते हुवे 35 साल का रिकार्ड तोड़ा,और अपने कुशल कार्यप्रणाली के कारण न सिर्फ कई पुरस्कार नगरपालिका को दिलाये बल्कि यहाँ का नाम देश भर में रोशन करते हुवे 35 साल बनाम 5 साल भारी का दम भी भरा।वहीँ कोतबा,पत्थलगांव तथा बगीचा नगरपंचायत में भी कांग्रेस ने उम्मीद से भी बढ़कर जीत दर्ज किया और प्रदेश भर में सभी को आश्चर्यचकित किया,लेकिन कुनकुरी नगरपंचायत क्षेत्र में कांग्रेस आपसी गुटबाजी के कारण हार के कगार पर पहुंची यहाँ भाजपा के सुदबल ने जीत दर्ज किया था,लेकिन नगरीय निकाय चुनाव में इस बार अध्यक्ष का चयन सीधा जनता न कर चुने हुवे जनप्रतिनिधि करेंगे।ऐसे में अध्यक्ष पद के कई दावेदार पार्षद चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।

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