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लौह निश्चयी भूपेश बघेल और किसान क्रांति का आग़ाज़..,

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नितिन राजीव सिन्हा

छत्तीसगढ़ के ११ में से ९ सांसद भाजपा के हैं धान की सरकारी ख़रीदी और सेंट्रल पूल में चावल की ख़रीदी के मुद्दे पर विमर्श करने हेतु छत्तीसगढ़ सरकार ने उन्हें ५ नवंबर को आमंत्रित किया है पर,किसान हित की इस बैठक में शामिल होने से उन्होंने इंकार कर दिया है जिससे प्रदेश का कृषक समाज निराश हुआ है किसान के मामले से दूरी बना कर भाजपा नेतृत्व ने संदेश  दे दिया है कि वह किसान के साथ उनके आर्थिक हित के मुद्दे पर नहीं है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण राजनीतिक  परिदृश्य है..,               

जिस पर लिखना होगा कि किसान अब तक दम तोड़ता था आत्महत्यायें  करता था खेत खलिहानों को लुटता हुआ देखता था अपने कर्म की साधना स्थली खेतों को बिकता हुआ देखता था पर,१५ साल भाजपा की सरकार छत्तीसगढ़ में रही किसानों के हित में खड़ी हुई वह सरकार कभी भी नहीं दिखी इसलिये आकड़ों का तक़ाज़ा भयावह बन पड़ा था क़रीब १४०० क़र्ज़ से दबे हुए किसानों ने रमन सिंह के दौर में आत्महत्यायें की लेकिन रमन सरकार के वरिष्ठ मंत्री कहते रहे किसान क़र्ज़ तले दब कर नहीं मर रहा है बल्कि वह शराबी था मसलन शराब के नशे में वह फंदे गढ़ रहा था उसे गले में डाल रहा था और ख़ुशी से झूल जा रहा था..,

भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार किसान को देश में सबसे ज़्यादा एमएसपी धान पर @२५००/- प्रति क्विंटल दे रही है वह उन्हें बोनस भी देने के प्रयास में है ताकि किसान आर्थिक रूप सेनसंपन्न हो सकें खेती मुनाफ़े का उद्यम बन सके पर,मोदी सरकार जो पूर्व में कोरपोरेट सेक्टर के क़रीब ३ लाख करोड़ क़र्ज़ माफ़ कर चुकी है,वह किसान के पक्ष में खड़ी हुई दिख रही भूपेश सरकार के पर कुतर रही है क्योंकि किसान,न तो अदानी हैं न अंबानी हैं इसलिये नरेंद्र मोदी के लिये चिंता का कारण वे अब तक नहीं बन सके हैं..,

केंद्र सरकार सेंट्रल पूल में चावल लेने से इंकार कर रही है वह किसानों को मजबूर बनाना चाहती है जबकि कांग्रेस सरकार किसानों को मज़बूती देने के तमाम प्रयास कर रही है यह वह सरकार है जिसके आँसू न तो घड़ियाल के आँखों से बह रहे हैं नहीं मोदी की आँखों से बल्कि भूपेश बघेल किसान के आँखों में ख़ुशहाली के सपनें संजो रहे हैं..,जिस पर लिखना होगा कि-

लौह ए दिल 

पर कोई तस्वीर

उभरने लगी 

किसान के

दर्द के

निशाँ उभरने 

लगे,पसीने से

लथ पथ कोई

ज़िंदगी उभरने

लगी..,

भूपेश बघेल के

मन में किसान के

हित में लौह निश्चय

के भाव उभरनें लगे..,

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