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जब 3% जनसंख्या वाली सवर्णों को 10% आरक्षण दिया गया, फिर 52% जनसंख्या वाली ओबीसी के 27% आरक्षण पर ही विरोध क्यों... 13 तारीख को महाबंद का ऐलान

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13 नवंबर 2019 को छत्तीसगढ़ महा बंद को लेकर बैकुंठपुर व चिरमिरी में बैठक संपन्न,

 

बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के माननीय एससी एसटी ओबीसी माइनॉरिटी  (सयुंक्त मोर्चा) छत्तीसगढ़ व ओबीसी महासभा छत्तीसगढ़ के पदाधिकारियों का सरगुजा संभाग में दौरे के दौरान जिला कोरिया के चिरमिरी व बैकुंठपुर में बैठक सम्पन्न हुआ। जिससे 27 प्रतिशत आरक्षण को हाईकोर्ट द्वारा स्टे दिए जाने पर खुलकर चर्चा की गई,संयुक्त मोर्चा के प्रान्तीय सयोंजक अधिवक्ता आर के जांगड़े ने मुख्यमंत्री भूपेंश बघेल जी द्वारा ओबीसी समाज को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का घोषणा किया गया जिसका जनता ने तहेदिल से स्वागत किया जिसको सावर्णो द्वारा लगभग 40 याचिका हाईकोर्ट में लगाकार इस पर रोक लगा दिया गया है

ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ में उनकी तीन प्रतिशत आबादी को (सवर्णों) को ही 10 प्रतिशत आरक्षण छत्तीसगढ़ भूपेश सरकार द्वारा दिया गया है।

यदि सवर्णों को आरक्षण का विरोध ही करना था तो पूरे आरक्षण का करना था।जबकि 52 प्रतिशत ओबीसी को 13 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने के बजाय जनसंख्या अनुपात में 52 प्रतिशत करना था बावजूद ओबीसी समाज इसे सहषर्ष स्वीकार कर लिया था। जबकि तीन प्रतिशत सवर्णों को जब दश प्रतिशत आरक्षण दिया गया तो इसका एससी एसटी ओबीसी संगठन ने कभी विरोध नहीं किया।

तथा फिर भी स्वर्ण, ओबीसी आरक्षण का विरोध कर रहा है।

समझ से परे है,जिससे ओबीसी समाज में भयंकर आक्रोश व्याप्त है जांगड़े ने कहा कि ओबीसी आरक्षण का विरोध सवर्णों को भारी पड़ सकता है, बैठक की अध्यक्षता ओबीसी महासभा के प्रदेश महासचिव अमरजीत पटेल ने करते हुए कहा की एससी एसटी के सभी समाज भी आंदोलन को खुलकर साथ देने लगे है, अतः यह जनाक्रोश 13 नवम्बर को सड़कों पर दिखेगा, उन्होंने एस एसटी माइनॉरिटी व सर्व आदिवासी सभा से ओबीसी महासभा अपील कि है कि वे आंदोलन को मार्गदर्शन दें।

कार्यक्रम के दौरान ओबीसी महासभा के जिला सयोंजक के पद पर राजाराम जाता मानिकपुरी की नियुक्ति इस महासभा के द्वारा किया गया।

 

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