नितिन राजीव सिन्हा
छत्तीसगढ़ के किसान धान @२५००/- प्रति क्विंटल की दर पर ख़रीदी करने के भूपेश सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य के नीति के समर्थन में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के किसान आंदोलन के साथ जुड़ रहे हैं केंद्र की मोदी सरकार के सेंट्रल पूल में पूर्व के वर्षों के अनुपात में कम चावल ख़रीदनें की नीति का पुरज़ोर विरोध कर रहे हैं तय हुआ है कि १५ नवंबर २०१९ को दिल्ली में किसान विरोधी नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ गगन भेदी नारे गूंजेंगे कि “दलाल,दिल्ली छोड़ो..,
मोदी सरकार की दमन कारी नीति जिसने छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ छल किया है पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि कांग्रेस की सरकार इस वर्ष भी किसानों का धान ख़रीदेगी वह इस ख़रीफ़ वर्ष में ८५ लाख मैट्रिक टन की ख़रीदी @२५००/- प्रति क्विंटल के दर पर करेगी..,
उन्होंने कहा कि २०१३ में केंद्र में यूपीए की सरकार थी तब प्रदेश सरकार को धान पर बोनस मिला था ,२०१४ में केंद्र में मोदी सरकार आई और उसनें धान पर बोनस देने के प्रावधान को समाप्त कर दिया केंद्र ने कह दिया कि जो प्रदेश सरकार धान पर बोनस देगी उसका चावल सेंट्रल पूल में वह नहीं ख़रीदेगी यद्यपि चुनाव को सामने देख कर २०१७-१८ में छत्तीसगढ़ के मामले में एमओयू शिथिल किया गया अतःइस वर्ष किसानों को बोनस की राशि प्रदान की गई..,
२०१८-१९ में सत्तारूढ़ हुई कांग्रेस सरकार ने @२५००/- की दर पर धान ख़रीदी की,भाजपा शासन के समय के बकाया धान बोनस का भुगतान किया..,
प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सितंबर माह में केंद्रीय कृषि मंत्री राम विलास पासवान से मिलकर अपनी बात रख चुके हैं लेकिन उसके बाद केंद्र से जारी हुए पत्र में दर्शित है कि धान पर बोनस देने पर केंद्र,सेंट्रल पूल में चावल ख़रीदी नहीं करेगी..,पत्र के कंडिका १ में नीति के शिथिलीकरण की कोई बात नहीं की गई है स्थिति विषम है १.यदि प्रदेश सरकार एमओयू केंद्र के साथ करती है तो किसानों को धान पर बोनस नहीं दे सकती है..,
२.एमओयू नहीं करते हैं तो सेंट्रल पूल में चावल केंद्र राज्य से ख़रीदी नहीं करेगा..,मोदी सरकार के किसान विरोधी नीति पर धूमिल का लिखा पढ़ना होगा कि-इतनी हरियाली
के बावजूद
अर्जुन को नहीं
मालूम उसके
गालों की हड्डी
क्यों उभर आई
उसके बाल सफ़ेद
क्यों हो गये हैं
लोहे की छोटी
सी दुकान में
बैठा हुआ आदमी
सोना और इतने
बड़े खेत में
खड़ा हुआ आदमी
मिट्टी क्यों हो गया है..,