नितिन राजीव सिन्हा
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार ने धान का समर्थन मूल्य @२५००/- प्रति क्विंटल करके गत वर्ष ख़रीदी की है इस वर्ष भी उसी दर पर ८५ लाख मैट्रिक टन धान ख़रीदने की तैयारी की गई है लेकिन केंद्र सरकार ने सेंट्रल पूल पर चावल की ख़रीदी का लक्ष्य बेहद कम कर दिया है,इससे राज्य सरकार के लिये धान ख़रीदी किया जाना मुश्किल बन पड़ा है..,
किसानों के हित में खड़ी हुई भूपेश बघेल की सरकार ने फ़ौरी तौर पर धान ख़रीदने की तिथि १ दिसम्बर से आरंभ करने की मंशा बना ली है ताकि किसान किसी आर्थिक अराजकता के शिकार न हो जायें..,
लेकिन मोदी सरकार ने जो कार्य किया है उससे प्रदेश के ११ लाख किसान परिवारों के समक्ष अपना धान औने पोने दाम पर व्यापारियों को बेच देने की मजबूरी खड़ी हुई हैं ,मोदी सरकार की इस किसान विरोधी मानसिकता के मद्देनज़र छत्तीसगढ़ के किसान आर पार की लड़ाई की मुद्रा में हैं..,
यदि किसानों ने ज़रा भी तेज़ी दिखाई और भाजपा पर रणनीतिक बढ़त प्राप्त की तो कांग्रेस के सहयोग से यह देश के किसानों का आंदोलन बन जायेगा..,
वैसे फ़िलहाल भाजपा का राज्य नेतृत्व इस मामले पर ख़ासा चिंतित मालूम पड़ रहा है यदि ऐसा हो गया तो छत्तीसगढ़ में भाजपा का बड़ा नुक़सान होना तय है..,