मीठा खारा बीत गया दिन
अपना सारा बीत गया दिन
हँसते गाते प्यार से चलते
देखो यारा बीत गया दिन
शाम सवेरे काम में उलझा
लो बेचारा बीत गया दिन
हसरत लेकर प्यासी-प्यासी
देख कँवारा बीत गया दिन
यादों में खोकर अपनों की
आज हमारा बीत गया दिन
ढाई आखर लिखते- पढ़ते
कितना प्यारा बीत गया दिन
गोदी, डोली, अर्थी तक ही
लो ये सारा बीत गया दिन
डॉ सीमा विजयवर्गीय