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प्राचीन और प्रसिद्ध श्री महालक्ष्मी मंदिर इस वर्ष भी लाखों की नगदी, जवाहरात और आभूषणों से आकर्षक ढंग से सजाया गया है।

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भरत शर्मा की रिपोर्ट

रतलाम 25अक्टूबर आज का दिन न्यूज वेब पोर्टल:  शहर का प्राचीन और प्रसिद्ध श्री महालक्ष्मी मंदिर इस वर्ष भी लाखों की नगदी, जवाहरात और आभूषणों से आकर्षक ढंग से सजाया गया है। सोने-चांदी के आभूषण बड़ी संख्या में आये है।मन्दिर पर पांच दिवसीय दीपावली उत्सव आज धन तेरस से शुरू होकर भाईदूज तक चलेगा। मन्दिर में राशि रखने के लिए देश के विभिन्न राज्यो के लोग भी यहां पहुचे है।सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है।

शहर के माणक चौक क्षेत्र स्थित प्रसिध्द  श्री महालक्ष्मी मंदिर में सजे खजाने की दर्शन के लिए धनतेरस को अल सुबह ही लंबी कतारें लग गई ।भक्तों ने श्री महालक्ष्मी जी के दर्शन कर वहां सजे खजाने को भी देखा। प्रसिद्ध  महालक्ष्मी मंदिर को हर बार की तरह बेशकीमती आभूषण, रत्नों और नोटों से सजाया गया है।

महालक्ष्मी मंदिर में पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत शुक्रवार को धनतेरस से हुई। धनतेरस पर भक्तजन महालक्ष्मी के खजाने के दर्शन के लिए  अंधेरे में ही लाइन में लग गए थे।  महिला पुरुष बच्चे सभी ने लाइन में लगकर  माता और मंदिर में सजे खजाने के दर्शन किए ।सुबह दर्शन के लिए लंबी लाइन देखकर सभी अचंभित रह गए।मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा दी गई लाखों की नकदी व हीरे-जवाहरात व आभूषणों की यह सजावट भाईदूज तक रहेगी।

रतलाम के माणक चौक में वर्षों पुराना है देवी महालक्ष्मी का मंदिर। मंदिर के गर्भगृह में महालक्ष्मी की मूर्ति के साथ सरस्वती और गणेश मूर्ति भी स्थापित है।पांच दिवसीय दीपोत्सव के मौके पर महालक्ष्मी मंदिर में पर सोना-चांदी आभूषण, मोती, हीरे और नकदी से सजाने की तैयारियां 15 दिन पहले से शुरू हो जाती हैं। शासन के अधीन इस मंदिर में इस बार कुछ बदलाव भी किए गए हैं।

राशि या आभूषण और अन्य सामग्री देने वालों के नाम, पते, मोबाइल नंबर दर्ज करने के साथ अब उनका फोटो भी लगाया जाएगा, ताकि भक्तों को उनकी अमानत लौटाने के दौरान कोई समस्या ना आए। यह पूरा काम इस बार प्रसाशन की निगरानी में हुआ। इसके लिए तहसीलदार से लेकर पटवारी तक कि डयूटी लगाई गई थी। मन्दिर में राशि जेवरात रखने वालों का तांता धन तेरस की पूर्व तक चलता रहा।इस राशि और जेवरात से पूरे मंदिर परिसर की नोटों और कीमती आभूषणों से सजावट की गई।

मन्दिर में दीपोत्सव की शुरुआत धनतेरस आज 25 अक्टूम्बर से हुई । आज से मंदिर की सजावट और खजाने के दर्शन भक्त कर सकेंगे।  भाई दूज की शाम से श्रद्धालुओं द्वारा दी गई धन राशि और आभूषण लौटाए जाएंगे। मंदिर में 10 रुपए से दो हजार रुपए तक के नए नोटों से सजावट की गयी। देवी के भक्तों द्वारा लाये गए नए नोटों की गड्डियां ओर जेवरातों से गयी आकर्षक सजावट देखते ही बनती है।

धन तेरस की पूर्व तक मंदिर में महिला भक्तों द्वारा कुबेर पोटली बनाई जाती है ।कुबेर पोटली में कोड़ी, कमल गट्टा, बरकत के चावल, मोती और बरकती सिक्का रखा गया है.

महालक्ष्मी मंदिर वर्षों पुराना है। मंदिर के गर्भगृह में महालक्ष्मी की मूर्ति के साथ सरस्वती और गणेश मूर्ति भी स्थापित है। इसके अलावा परिसर में श्री विजया लक्ष्मी, वीर लक्ष्मी, संतानलक्ष्मी, अधीलक्ष्मी, धान्य लक्ष्मी, लक्ष्मीनारायण एवं धनलक्ष्मी की मूर्ति भी विराजित है। इस वर्ष पूरे देश से लोग यहां राशि लेकर पहुचे है। इस मंदिर की मान्यता की यह राशि रखने के बाद मिली राशि अपनी तिजोरी में रखने से साल भर धन्य धान ओर नगद की कमी घर मे नही रहती है और बढ़ोत्तरी होती है के कारण लोग यहां दूर दूर से राशि लेकर पहुचे है।यह जानकारी नेट पर भी होने से लोगो को अब ज्यादा पता चलने से बाहर के लोगो की राशि लेकर आने की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है।

रुपए और किमची सोने-चांदी के आभूषणों की सजावट को लेकर मंदिर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। पुलिस जवान 24 घंटे यहां तैनात रहगें। मुख्य द्वार से लेकर भीतर तक सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।

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