परेश दास साहीडाँड़
साहीडाँड़-जशपुर जिला के बगीचा विकास खण्ड के सुन्दर पहाडियों के बीच में मां खुड़िया रानी का मंदिर है, यहां बहुत दुर दुर से भक्त गण दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां रोज हजारों लोग देवी मां का दर्शन करते, और पुजा अर्चना करते हैं। यहां का पौराणिक मान्यता है कि सबसे पहले खुड़िया का दिवान माता रानी की पूजा करता था। एक दिन बैगाओं के साथ पुजा अर्चना करने के बाद जब वापस जा रहा था,तब उसका बलि चढ़ाने वाला हथियार वहीं माता रानी के मंदिर के अंदर ही छूट गया। जब उसने देखा कि हथियार वहीं है,तब उसने वापस लेने गया। जब वहां पहुंचा उस समय नवों माताएं बैठ कर भोजन कर रहीं थीं। जब वहां बैगा को देखकर नाराज हो गई और बोली कि तुम को हमारे उपर विश्वास नहीं है तुम अपना समान लेने तुरन्त आ गये, और गुस्सा कर माताएं बोली कि जाओ आज से तुम मेरी पुजा दरवाजा से बाहर ही करना। और उस दिन से माता रानी का दरवाजा हमेशा के लिए बंद हो गया।तब से बैगा बाहर ही पुजा अर्चना करता है।
खुड़िया रानी का दरबार पर्यटन के दृष्टि से भी बहुत मनोरम जगह है। यहां दुर दुर तक फैला पहाड़ीयों ने पर्यटकों का मन मोह लेते हैं। बड़े बड़े साल के वृक्ष और बड़े बड़े चट्टानों के बीच खुड़िया रानी का मंदिर देखते ही बनता है।
मन्नत पूरी होती है यहाँ
क्षेत्र के लोगों का यह आस्था का केंद्र बहुत पुराना दर्शनीय स्थल है।जहाँ हर ब्यक्ति के मनोकामना पूरा होता है।यहाँ अपने मन्नत मांगते कई नेताओं सहित पारिवारिक सुख शांति के लिए दर्शन करते भी देखा गया है।