नितिन राजीव सिन्हा
अजय चंद्राकर छत्तीसगढ़ के पूर्व सरकार के शक्तिशाली मंत्री रहे हैं और वर्तमान में भाजपा विधायक हैं उन्होंने गांधी के हत्यारे के ख़िलाफ़ मन,कर्म और वचन के तारतम्य को खंडित करते हुए संकेत दे दिया है कि गांधी की हत्या “गोडसे का संकल्प था,यह एक विचारधारा का प्रतिनिधित्व था,यह नृशंस अपराध नहीं आचरण था..जिसका सम्मान भारतीय जनता पार्टी करती है इसलिये बापू के क़ातिल गोडसे को वह गोडसे जी कहती है..,”
लोकतंत्र आज लज्जित हुआ है यदि गांधी का सम्मान हम करते हैं तो उसके क़ातिल के ख़िलाफ़ बोलने का नैतिक साहस भी हममें होना चाहिये यदि यह नहीं है तो देश मौजूदा राष्ट्रवाद के दौर में गर्त में जाता हुआ दिख रहा है..,
विधायक अजय चंद्राकर का कहना है कि गोडसे की दिवंगत आत्मा का असम्मान क्यों करूँ..? उनके इस तर्क पर लोग तो यही सवाल रहे हैं कि रंगा बिल्ला भी दिवंगत आत्माएँ हैं,क्या उनके लिये भी राष्ट्र अपनी कृतज्ञता प्रकट करे..,भाजपा की राजनीतिक दिशा और दशा पर लिखना होगा कि-
बापू के रक्त
से लाल हुई थी
धरा,देश कैसे
भूले कि हे राम
कहकर चला गया
जो,वह बापू था..,
गोडसे सामने था
ज़मीं पर गांधी
गिरा था..,
एक हिंसा का
पुत्र था दूसरा
अहिंसा का
सूत्र था..,