नितिन राजीव सिन्हा
भूपेश बघेल “छत्तीसगढ़ के मुख्य मंत्री बने हुए अभी सिर्फ़ ९ महीने ही हुए है कि छत्तीसगढ़ महतारी को सपूत मिल गया,देश के सौ सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में उनका शामिल होना,यही संकेत देता है..,”
पूत के पाँव तो पालने में ही दिख गये हैं अब हम इससे आगे बढ़ते हैं और लिखते हैं कि सफलताएँ अभी आ रही हैं सरकार अपनी नीतियों पर आगे बढ़ रही है जनता तक उसके अपने हितवर्धन की अनुभूतियाँ पहुँच गई है और यही भूपेश बघेल की दूर दृष्टि का अन्दाज़ ए बयान है कि इंडीयन एक्सप्रेस समूह के सर्वे में उन्हें ५४ वें स्थान पर रखा गया है..,
भूपेश बघेल सरकार ने कई क्रांतिकारी निर्णय लिये हैं जिसमें आम आदमी को केंद्र में रखा गया है यहाँ पर दो विषयों पर बातें हम करेंगे पहला लेमरू हाथी रिज़र्व के क़रीब २००० स्क्वेयर किलोमीटर के प्रोजेक्ट पर जो कि छत्तीसगढ़ सरकार का पर्यावरण हितैषी परियोजना है और हाथियों के घर में पूर्व की सरकार की खनन योजनाओं ने जो दख़ल डाली थी और जिससे हाथी मानव द्वंद्व बढ़ा है सैंकड़ों ग्रामीण हाथियों के पाँव तले कुचले गये हैं उस पर रोक लगेगी इससे होने वाली जानमाल की हानि रोकी जा सकेगी..,
दूसरा बस्तर में टाटा कंपनी के उद्योग शर्तों का पालन नहीं करने की स्थिति में भू स्वामियों को उनकी हज़ारों हेक्टेयर कृषि भूमि की वापसी की गई इससे जंगल ज़मीन का मुद्दा नक्सली हाथों से फिसल गया जिससे शांति स्थापना प्रयासों को सफलता मिली “दंतेवाड़ा उपचुनाव का निर्विघ्न ६०% मतदान के साथ हिंसा मुक्त सम्पन्न होना एक बेहतरीन मिसाल बन कर सामने आया है..,”अटल जी का लिखा हुआ काव्य,” अटल नगर के इस मुख्य सेवक पर सटीक बैठता है उनके संघर्ष करने के जज़्बे को रेखांकित करता है-
बाधायें आती हैं
आयें,घिरे प्रलय
की घोर घटायें
पाँव के नीचे
अंगारे,सिर पर
बरसे यदि
ज्वालाएँ..,
निज हाथ से
हँसते आग
लगाकर जलना
होगा..,क़दम
मिलाकर चलना
होगा..,