नितिन राजीव सिन्हा
भाजपा नेता एवं छत्तीसगढ़ विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक ने भूपेश सरकार को घेरते हुए कह दिया है कि शराब के पैसों अथवा शराब से प्राप्त होने वाले राजस्व से वेतन बाँटेगी सरकार..,
पर,उन्होंने यह नहीं बताया कि इस पैसे से आख़िर क्या बाँटना चाहिये..? वैसे,जनता को याद है कि शासन के पैसों का बंदरबाट करने के लिये रमन सरकार के दौर में मोबाइल मुफ़्त बाँटे गये थे @४२००/- के आसपास के दरों पर जो मोबाइल तत्कालीन सरकार द्वारा ख़रीदे गए थे उसके बारे में जनचर्चा यही है कि वह वक़्त के अंतराल से बच्चों के बीच में लोकप्रिय है और बच्चे “दो रमन मोबाइल के बीच धागा बाँध कर आपस में बतिया लिया करते हैं जैसे पुराने समय में माचिस की दो ख़ाली डिबिया में धागे बाँध कर telephone के मज़े उस दौर के बच्चे लूट लिया करते थे..,”
भाजपा को भूपेश सरकार के जन सरोकार पर आपत्ति है उन्होंने कुपोषण कम करने के ध्येय से मिड डे मील में अंडे देने के निर्णय पर उँगलियाँ उठाई है अब,शराब राजस्व से प्राप्त हो रहे राशि से कर्मचारियों को वेतन बाटने पर उन्हें एतराज़ है..,सवाल तो यह है कि क्या सरकार अपने कर्मचारियों के मुँह में ताला लगा दे उन्हें वेतन न दे..? छत्तीसगढ़ के ग़रीब बच्चों को बेहतर पोषण बतौर अंडा न दे..?
जनता को याद है बिलासपुर जिले की २०१० में घटित वह दुर्भाग्यपूर्ण घटना जिसमें साउंड सिस्टम वाले सतीश श्रीवास्तव को एक रसूख़दार की उपस्थिति में पीट पीट कर मार डाला गया था..,
अधर्म के रास्ते की पहचान राम मंदिर और हिंदू धर्म की रक्षा के उद्देश्य से राजनीति करने वाले दल के नेता धरम लाल नहीं कर पा रहे हैं यह दुर्भाग्यपूर्ण है..,उनके बे सिर पैर की बातों पर गर,जनता अपनी प्रतिक्रिया दे तो वह होगी-
के,ज़िंदगी तू ने
मुझे क़ब्र से
कम दी है
ज़मीं,पॉव
फैलाऊँ तो
दीवार में
सिर लगता है..,
वो,बड़े घरों
मे रहते हैं
सुख ओ
रसूख़ पाते
हैं,ग़रीब के
वेतन पर
ऊँगली उठाते
हैं अंडे पर
डंडे लहराते हैं..!!!